वाराणसी
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : कथावाचक में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की बनी सहमति

डॉ. सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें मंदिर प्रबंधन और पुराण प्रवचन (कथावाचक) में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर सहमति बनी। दोनों पाठ्यक्रमों के लिए 30-30 सीटें तय की गई हैं।
बैठक कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा की अध्यक्षता में योग साधना केंद्र में आयोजित हुई ।साथ ही गेस्ट प्रोफेसरों का मानदेय बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया।
विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव अंबेडकर चेयर की स्थापना का निर्णय लिया गया जिसके तहत उनके संस्कृत योगदान, व्यक्तित्व, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर शोध किया जाएगा। संस्कृत विश्वविद्यालयों में इस तरह की चेयर स्थापित करने वाला यह देश का पहला संस्थान होगा।
मंदिर प्रबंधन डिप्लोमा कोर्स में छात्रों को मंदिरों के प्रबंधन की गहराई से जानकारी दी जाएगी। उन्हें काशी के बड़े मंदिरों का भ्रमण कराकर वास्तु और प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी ताकि वे भविष्य में बड़े मंदिरों का प्रबंधन करने में सक्षम हो सकें। इसके अलावा डॉ. रविशंकर पांडेय और डॉ. मधुसूदन मिश्र को वरिष्ठ वेतनमान देने की संस्तुति भी की गई।