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वाराणसी

वृद्धा को मणिकर्णिका घाट पर लावारिस छोड़ गये पति-पत्नी, सफाई सुपरवाइजर की संवेदनशीलता से बची जान

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वाराणसी। काशी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर मंगलवार को एक बुजुर्ग महिला को व्हीलचेयर पर लेकर आये एक पुरुष, एक महिला और दो बच्चे उन्हें घाट किनारे छोड़कर चले गए। बुजुर्ग महिला बेसुध थीं और कुछ बोलने की हालत में भी नहीं थीं। अब इस पूरे मामले में नगर निगम के सफाई सुपरवाइजर सतीश कुमार गुप्ता और उनकी टीम की सतर्कता ने बुजुर्ग की जान बचाई है।

घाट पर अकेली छोड़ दी गईं बुजुर्ग

राजू, जो मणिकर्णिका घाट के पास अपने दोस्त गणेश की दुकान पर रोज बैठते हैं, उन्होंने सबसे पहले इस पूरी घटना को देखा। राजू ने बताया, “एक महिला, एक पुरुष और दो बच्चे व्हीलचेयर पर एक बुजुर्ग महिला को लेकर आए थे। महिला इतनी कमजोर थीं कि खुद से उठ भी नहीं पा रही थीं। उन्हें एक कोने में पत्थरों के सहारे बैठा दिया गया और कुछ समय बाद वे लोग वहां से चले गए।”

रात तक कोई नहीं लौटा, सुबह तक बेसुध पड़ी रहीं महिला

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करीब 15-20 मिनट बाद जब राजू की नजर दोबारा उस तरफ गई, तो बुजुर्ग महिला अकेली थीं। उन्हें लगा कि उनके परिजन दर्शन को गए होंगे। पर रात हो गई और कोई वापस नहीं आया। महिला वहीं बैठी रहीं, धीरे-धीरे बेसुध होती चली गईं।

सफाई कर्मचारियों ने दिखाई संवेदनशीलता

अगले दिन सुबह नगर निगम के सफाई सुपरवाइजर सतीश कुमार गुप्ता अपनी टीम के साथ घाट पर पहुंचे। उन्होंने महिला को उसी हाल में पाया। सतीश ने तुरंत अपनी महिला कर्मचारियों को बुलाकर महिला से बातचीत करवाई। बातचीत के दौरान महिला ने बताया कि वे कानपुर के पटकापुर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने पति का नाम राजकुमार बत्रा बताया, लेकिन जब बेटी या दामाद का नाम पूछा गया, तो उनकी आंखों में आंसू छलक उठे और वे कुछ भी बोल नहीं सकीं।

शारीरिक हालत बेहद खराब, शरीर पर थे चोटों के निशान

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महिला सफाईकर्मी शालू और प्रमिला ने जब बुजुर्ग महिला को नहलाया और कपड़े बदले, तो उनके शरीर पर कई जगह चोटों के गहरे निशान मिले। पीठ, हाथ, और जांघों पर बेल्ट या डंडे से पीटे जाने के निशान स्पष्ट थे। महिला दर्द से कराह रही थीं।

स्वास्थ्य परीक्षण में सामने आईं गंभीर बीमारियाँ

बुजुर्ग महिला को मंडलीय चिकित्सालय के जलगताल लावारिस वार्ड में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार महिला को मोतियाबिंद, शुगर और हाई बीपी की गंभीर समस्या है। उन्हें फिलहाल निगरानी में रखा गया है और उम्मीद है कि दो दिनों में उनकी स्थिति सामान्य हो जाएगी।

अब कहां रहेंगी इंद्रावती देवी ?

सफाई सुपरवाइजर सतीश कुमार गुप्ता ने सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर को बुलाया, जिन्होंने बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। अमन ने बताया कि उन्होंने महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया है, ताकि उनके परिजन सामने आ सकें। हालांकि अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने कहा, “हम दादी का घर ढूंढ़ कर रहेंगे और पूरी सच्चाई सामने लाएंगे।”

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