मिर्ज़ापुर
विंध्याचल में कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल, धार्मिक नगरी में खुली गुंडई!

विंध्याचल (मिर्जापुर)। एक तरफ प्रदेश सरकार विंध्याचल को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विश्वपटल पर स्थापित करने की दिशा में प्रयासरत है, तो दूसरी ओर कस्बे की जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक होती जा रही है। बीते दिनों विंध्याचल कस्बा उस समय दहशत में आ गया जब एक अप्रत्याशित घटना ने माहौल को अशांत कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी और लोग समझ नहीं पाए कि अचानक क्या हो गया।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कस्बा क्षेत्र में गोली चलने जैसी घटनाएं, खुलेआम सड़क पर मारपीट और खून से सनी धरती—यह सब कुछ मंदिर, गंगा घाट और मुख्य मार्गों के निकट घटित हुआ। विंध्याचल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है।
इस कस्बे में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री व नगर विधायक स्वयं निवासी हैं, और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय का भी यहां गहरा जुड़ाव है। बावजूद इसके, कानून व्यवस्था के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, जिन दरोगा जी को विंध्याचल कस्बा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनका कुछ महीने पूर्व स्थानांतरण हो गया था। इसके बावजूद वे पुनः तैनात हो गए—क्या यह प्रशासनिक मजबूरी थी या फिर “तगड़ा जुगाड़”? यह सवाल अब आमजन के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि जब घटनास्थल पर समाचार संकलन के लिए मीडियाकर्मी पहुंचे, तो उन्हें कवरेज से रोकने का भी प्रयास किया गया। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अगर दबाने की कोशिश की जाएगी, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे और इस धार्मिक कस्बे की गरिमा को पुनर्स्थापित करे। विंध्यवासिनी धाम की पवित्रता और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।