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वाराणसी

वनिता पब्लिक स्कूल पर लटकी कार्रवाई की तलवार, शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच

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वाराणसी। जिले के लहुराबीर स्थित वनिता पब्लिक स्कूल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला गंभीर आरोपों से जुड़ा है, जिनमें मनमानी फीस वसूली, छात्रों के साथ दुर्व्यवहार और शिक्षकों की अनियमित नियुक्ति शामिल हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश जारी किये हैं। इस पूरे मामले की निगरानी खंड शिक्षा अधिकारियों की गठित समिति कर रही है, जो तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

अभिभावकों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, स्कूल प्रबंधन लेट फीस के नाम पर अत्यधिक राशि वसूल रहा है, जिसकी वैधानिकता संदिग्ध है। अभिभावकों की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने 11 बिंदुओं पर जांच की रूपरेखा तैयार की है। इसमें विद्यालय की मान्यता, छात्र संख्या, शुल्क निर्धारण की वैधता, मंडलीय शुल्क नियामक समिति से अनुमति, लेट फीस की वैधता, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और यू-डायस पोर्टल से तुलना जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है।

जांच का दायरा केवल वनिता पब्लिक स्कूल तक सीमित नहीं रहा। मिर्जामुराद स्थित यशपाल सिंह स्कूल और सामनेघाट स्थित केके चतुर्वेदी मेमोरियल सेंट्रल एकेडमी भी जांच के घेरे में आ गये हैं। मिर्जामुराद स्कूल पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार और शैक्षणिक मानकों की अनदेखी का आरोप है, जबकि केके चतुर्वेदी मेमोरियल स्कूल पर आरटीई छात्रों को प्रवेश न देने और बिना अनुमति स्कूल बंद करने जैसे गंभीर आरोप सामने आये हैं।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विद्यालय को बंद किया जा रहा है, तो प्रबंधन को यह बताना अनिवार्य है कि छात्रों को वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था कैसे मिलेगी। इस संबंध में केके चतुर्वेदी मेमोरियल सोसाइटी को नोटिस भेजी जा चुकी है और शीघ्र ही जवाब मांगा गया है।

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जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये जाने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।

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