गाजीपुर
रेप-सुसाइड केस में हाईकोर्ट ने युवक को किया बरी

गाजीपुर/प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सैदपुर थाना क्षेत्र के रेप और आत्महत्या मामले में अनुज वर्मा को बरी कर दिया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सत्र अदालत के आदेश को मान्यता देते हुए कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों से किसी प्रकार का बलात्कार या आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप साबित नहीं होता।
2018 में यह मामला सामने आया था जब एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। परिवार की ओर से दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। हाईकोर्ट ने पाया कि मृतका द्वारा छोड़ा गया सुसाइड नोट और संदेश किसी भी तरह के बलात्कार या उकसावे के आरोप का समर्थन नहीं करते। नोट में अनुज वर्मा के साथ प्रेम संबंध का ही उल्लेख था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बलात्कार के कोई सबूत नहीं मिले। इसके अलावा, पुलिस ने कॉल डिटेल्स या इलेक्ट्रॉनिक सबूत जुटाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। गवाहों के बयान भी अधिकतर सुनी-सुनाई बातों पर आधारित पाए गए। किशोर न्याय बोर्ड ने अनुज वर्मा को घटना के समय नाबालिग घोषित किया था।
इस फैसले के साथ ही हाईकोर्ट ने सत्र अदालत के निर्णय को सही ठहराया और अनुज वर्मा को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।