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वाराणसी

राजातालाब सब्ज़ी मंडी फुटपाथ के बाद अब पंचक्रोशी पथ पर फैले अतिक्रमण से रोजाना आवागमन होता है बाधित

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राहगीर वाहनों की आपाधापी के बीच चलने को मजबूर हैं।

विशेषकर सुबह के समय सड़क पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है।

गौर करने वाली बात यह है कि यह स्थिति बीते कई सालों से कायम है और यहां प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सड़क किनारे फुटपाथ पर गोमती में रहने और दुकान चलाने वालों की आजीविका और सुरक्षा भी एक बड़ा सवाल है।

रिपोर्ट – मनोकामना सिंह

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वाराणसी। फुटपाथ व सड़कों का अतिक्रमण राजातालाब में जाम की एक बड़ी वजह है। लोगों को पाँच मिनट की दूरी तय करने में घंटे लग जाते हैं। हालांकि, अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन व पुलिस की ओर से समय समय पर कार्रवाई होती है, लेकिन कार्रवाई का मिजाज इतना सख्त नहीं होता। लेकिन कार्रवाई के अगले दिन जस की तस स्थिति हो जाती है। मजबूरन लोगों को वाहनों की आपाधापी के बीच चलना पड़ता है, जिससे सड़क दुर्घटना के मामले आए दिन सामने आते है।

राजातालाब पंचक्रोशी पथ संगम तालाब के पश्चिमी छोर के सड़क के पूर्वी तरफ फुटपाथ पर लोग गोमती झोपड़ी बनाकर अवैध रूप से बस गए है। जबकि पथ के कुछ जगहों पर स्थानीय दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है।

अतिक्रमणकारियों ने सड़क का भी काफी हिस्सा हड़प लिया है। वहीं रही सही कसर सड़क पर खड़ी ट्रक व वाहन पूरी कर देते हैं। जिसके कारण सड़क संकरी हो गई है और राहगीर वाहनों की आपाधापी के बीच चलने को मजबूर हैं। विशेषकर सुबह के समय सड़क पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है। गौर करने वाली बात यह है कि यह स्थिति बीते कई सालों से कायम है और यहां प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

आलम यह है कि राजातालाब में राजमार्ग और पंचक्रोशी पथ, ला कालेज रोड फुटपाथ के अब सड़क के दर्शन भी दुर्लभ होते नजर आ रहे है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वोट बैंक के एवज में प्रशासन कभी भी सख्ती से कार्रवाई नहीं करता है। सड़क किनारे फुटपाथ पर रहने वालों दुकानदारों की सुरक्षा और आजीविका भी एक बड़ा सवाल है।

अतिक्रमणकारियों के खिलाफ समय-समय पर प्रशासन की ड्राइव चलती है, लेकिन फुटपाथ पर बसी गोमती, दुकानें करीब 30-35 वर्ष से बसी हुई है। उन पर कार्रवाई करना मानवीय पहलू से ठीक नहीं है। केंद्र सरकार को चाहिए कि योजना के तहत इन्हें पुनर्वासित करें। राजकुमार गुप्ता , सामाजिक कार्यकर्ता

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