मिर्ज़ापुर
मेडिकल कालेज के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप, मरीज कोर्ट जाने को तैयार

मिर्जापुर। स्वास्थ्य विभाग में खामियां लगातार उजागर होने के बावजूद सुधार की स्थिति नहीं दिख रही है। हड्डी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों पर मरीजों से शोषण करने के आरोप एक बार फिर सामने आए हैं। मंडलीय चिकित्सालय की दीवार से सटे मेडिकल स्टोर के संचालक पर यह भी आरोप है कि मरीजों से 50 से 55 हजार रुपये तक लिए जाते हैं, वह भी बिना किसी रसीद के, और यह तक कहा जाता है कि रकम जमा करने पर ऑपरेशन रूम तक पहुंच बना दी जाएगी। यह आरोप वासलीगंज निवासी विजय श्रीवास्तव ने लगाते हुए बताया कि उसने इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की पूरी तैयारी कर ली है।
उनका कहना है कि डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल कालेज के प्राचार्य भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि सारी जानकारी होने के बावजूद वे मौन हैं और किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहे। श्रीवास्तव का कहना है कि जब तक ऐसे डॉक्टरों को जेल नहीं भेजा जाएगा, वह चुप नहीं बैठेंगे।उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कहीं इस पूरे गोरखधंधे में प्राचार्य की भी मिलीभगत तो नहीं है, क्योंकि डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
इससे डॉक्टरों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे मनमानी पर उतर आए हैं।इसी बीच विश्वस्त सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि 20 सितम्बर को अमृत फारमेन्सी का उद्घाटन होने की संभावना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इसके शुरू होने के बाद मंडलीय चिकित्सालय में फैले भ्रष्टाचार का अंत हो सकेगा या फिर हालात जस के तस बने रहेंगे।