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गाजीपुर

मानवाधिकार आयोग ने नोनहरा कांड पर जारी किया नोटिस

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अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय की पैरवी से हरकत में आया प्रशासन

गाजीपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय की शिकायत पर SHRC ने संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी गाजीपुर से 17 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है।
गाजीपुर के नोनहरा कांड जैसी गंभीर घटना पर उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग (SHRC) ने सख़्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी गाजीपुर को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय द्वारा दायर की गई शिकायत पर हुई है।

आयोग ने साफ कहा है कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच ज़रूरी है। जिलाधिकारी गाजीपुर को आदेश दिया गया है कि पीड़ित व शिकायतकर्ता को शामिल कर जांच कराई जाए और विस्तृत रिपोर्ट 17 नवंबर 2025 तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जाए। इस मामले को आयोग ने 18 नवंबर 2025 को सूचीबद्ध भी कर दिया है।

जनहित में अग्रणी पहल

अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता और दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। न्याय की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।

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यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समाज में न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा से जुड़ा हुआ है। अधिवक्ता पाण्डेय के इस क़दम को सामाजिक वक़ीलात का जीवंत उदाहरण माना जा रहा है।

सामाजिक सरोकार में सक्रिय वकालत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के युवा अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय लगातार जनसरोकार से जुड़े मामलों में सक्रिय रहते हैं। उनकी पहल से पहले भी कई मामलों में पीड़ित परिवारों को न्याय की दिशा में राहत मिली है। इस बार भी उनकी पैरवी पर मानवाधिकार आयोग ने गाजीपुर घटना को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही शुरू की है। हाईकोर्ट इलाहाबाद के अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय वकालत जिनका पेशा ही नहीं, बल्कि समाज के लिए न्याय का संकल्प है।

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