वाराणसी
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बाढ़ प्रबंधन को लेकर हाईलेवल मीटिंग संपन्न

वाराणसी में संभावित बाढ़ संकट को देखते हुए मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में गंगा नदी का जलस्तर उच्च बाढ़ स्तर से ऊपर जा सकता है, जिसे लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि पूर्व में चिन्हित 46 बाढ़ राहत शिविरों के अलावा अन्य ऊँचे स्थानों और विद्यालयों को भी राहत केंद्र के रूप में तैयार किया जाए। शहरी क्षेत्र में 25 और ग्रामीण क्षेत्र में 21 राहत शिविर पूरी तरह क्रियाशील रहेंगे।
निवासित नागरिकों के साथ-साथ मवेशियों के लिए भी वैकल्पिक स्थान चिह्नित कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। पशुशालाओं की व्यवस्था के साथ भूसा और पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
नगर निगम और पंचायती राज विभाग को नियमित सफाई और फॉगिंग अभियान चलाने के निर्देश मिले हैं, जबकि जल पुलिस और NDRF को नदी पर सतत निगरानी बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, सभी राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय, बेड, चादर और खाद्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
कम्यूनिटी किचन में सफाई और समय पर भोजन वितरण को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए। सभी वितरण कार्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निगरानी में होंगे।
लाउड हेलर, सायरन और बाढ़ नियंत्रण नंबरों को पूरी तरह एक्टिव रखने और हर घंटे जल स्तर की निगरानी करते हुए बुलेटिन जारी करने को कहा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में लेखपाल, बीडीओ, एडीओ पंचायत आदि की भूमिका स्पष्ट की गई।
सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और बिजली विभाग को बाढ़ संभावित क्षेत्रों की सड़क और बिजली आपूर्ति की स्थिति मजबूत बनाए रखने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को एक्टिव रखने और एंटी स्नेक वेनम, ORS, क्लोरीन, ब्लीचिंग पाउडर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में ADM वंदिता श्रीवास्तव, CMO संदीप चौधरी, ADCP काशी, SDM सदर समेत पुलिस, NDRF, राजस्व, नगर निगम, सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।