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वाराणसी

बेटी के नाम पर डॉक्टर से साइबर ठगी की कोशिश, बैंककर्मियों और पुलिस की सतर्कता से बचे रुपये

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वाराणसी। साइबर ठगों ने बीएचयू से सेवानिवृत्त वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पीआर गुप्ता को बेटी के फर्जी आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल रूप से 24 घंटे से अधिक समय तक ‘बंधक’ बनाए रखा। उनसे बड़ी धनराशि ऐंठने की कोशिश की गई, लेकिन बैंककर्मियों की सतर्कता और पुलिस की तत्परता से यह ठगी टल गई।

फोन कॉल से शुरू हुआ मानसिक उत्पीड़न
लंका थाना क्षेत्र के रश्मिनगर कालोनी निवासी डॉ. गुप्ता को मंगलवार सुबह 10 बजे एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि उनकी बेटी आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और बचाने के लिए मोटी रकम देनी होगी। डराने के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ने की धमकी दी गई।

बेटी के बहाने बैंक खातों की जानकारी ली
साइबर ठगों ने खुद को केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताते हुए डॉ. गुप्ता से अमेरिका में रह रही उनकी बेटी, उनके बीएचयू सेवानिवृत्त कार्यकाल और बैंक खातों की पूरी जानकारी निकलवाई। साथ ही यह भी कहा कि वह एक कमरे में बंद रहें और किसी को कुछ न बताएं। डरे-सहमे डॉक्टर उनके निर्देशों पर चलते रहे।

बैंककर्मियों को हुआ संदेह
बुधवार को डॉ. गुप्ता लंका स्थित एचडीएफसी बैंक पहुंचे और फिक्स डिपॉजिट तोड़ने की मांग की। जब बैंककर्मियों ने बड़ी रकम के पीछे वजह पूछी तो वह नाराज हो उठे। उनकी झुंझलाहट और असामान्य व्यवहार से बैंक मैनेजर को शक हुआ और पुलिस को सूचित किया गया।

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पुलिस की सक्रियता से खुला मामला
लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र ने मौके पर पहुंचकर डॉ. गुप्ता से बात की, लेकिन वह लगातार अपने पैसों की ही मांग करते रहे। बाद में थाने लाकर जब उन्हें समझाया गया, तब जाकर पूरा मामला खुला। डॉक्टर ने बताया कि ठग लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे और फोन कॉल पर दबाव बना रहे थे।

आंध्र प्रदेश से जुड़े हैं कॉल
जांच में सामने आया कि जिन नंबरों से कॉल आ रहे थे, वे आंध्र प्रदेश से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने संबंधित नंबरों पर संपर्क किया, लेकिन अब वे बंद हो चुके हैं। फिलहाल पुलिस साइबर सेल की मदद से पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।

सतर्क रहें, सजग रहें
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि कोई भी कॉल अगर संदिग्ध लगे तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। किसी भी अनजान व्यक्ति से बैंक विवरण साझा न करें।

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