वाराणसी
बाबू महावीर प्रसाद बजाज को दी गयी श्रद्धांजलि, रस्म पगड़ी में दिखा जनभावनाओं का सैलाब

वाराणसी। धर्म, सेवा और उद्योग के समर्पित पुजारी बाबू महावीर प्रसाद बजाज की स्मृति में “रस्म पगड़ी की रस्म” श्रद्धा और सम्मान के साथ सम्पन्न हुई। यह आयोजन कॉटन मिल (नाटी इमली) स्थित आजाद पार्क में हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु एवं विशिष्ट जनों की उपस्थिति रही। आयोजन की शुरुआत पाणिनि कन्या महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण से हुई। रस्म को प्रख्यात कर्मकांडी पंडित रानी महाराज के आचार्यत्व में सम्पन्न कराया गया।
आईआईए के राष्ट्रीय सचिव और सेठ एम. आर. जयपुरिया स्कूल बनारस के चेयरमैन, समाजसेवी दीपक बजाज, मनोज बजाज एवं श्याम सुंदर बजाज के पिताश्री महावीर प्रसाद बजाज के प्रेरणादायक जीवन पर उपस्थित अतिथियों ने भावपूर्ण शब्दों में प्रकाश डाला। इस अवसर पर यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार दूबे ने कहा कि बाबू बजाज जी एक अजातशत्रु, धर्मपरायण, प्रेरक, ईमानदार और समाज के लिए समर्पित व्यक्तित्व थे।
उनका जन्म 5 जनवरी 1944 को सिद्धि-साध्य योग, शुक्ल पक्ष एकादशी के पावन दिन हुआ था। महाप्रयाण 10 अप्रैल 2025, महावीर जयंती, गुरुवार को रवींद्रपुरी स्थित भगवान कीनाराम स्थल के समीप हुआ। प्रदोष काल और गीता पाठ के उपरांत, अपने जीवन की अंतिम सांस उन्होंने उत्तरायण काल में ली। महाप्रयाण से एक दिन पूर्व उन्होंने सेवक से क्षमायाचना की और अपने जाने का संकेत दिया।
महज 17 वर्ष की आयु में पिता और बड़े भाई को खो देने के बाद उन्होंने राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ से संघर्षों की यात्रा शुरू की। उनकी ईमानदारी के किस्से समाज में मिसाल बन गए। एक बार हिसाब में 21 रुपये अधिक मिलने पर उन्होंने स्वयं जाकर वह धन लौटाने की व्यवस्था की।
उनका परिवार आज भी उसी आदर्श पर चल रहा है – पारदर्शिता, धर्मनिष्ठा और समाजसेवा के मूल्यों के साथ। उनकी पत्नी पुष्पा देवी बजाज, तीनों बहुएं, सुपुत्र दीपक, मनोज व श्याम सुंदर बजाज, पुत्रियां और नाती-पोतों सहित एक भरा-पूरा परिवार उनकी विरासत को सहेजे हुए है।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र “दयालु”, कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।