वाराणसी
फ्लैट में देह व्यापार केस पर बोली शालिनी यादव – “छवि धूमिल करने की साज़िश”
वाराणसी। फ्लैट में देह व्यापार से जुड़े मामले को लेकर राजनीतिक हलचल के बीच गुरुवार को भाजपा नेत्री शालिनी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट किया कि जिस फ्लैट को लेकर उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे हैं, उससे उनका कोई संबंध नहीं है। न तो वे कभी उस फ्लैट की मालकिन रहीं और न ही सह-स्वामित्व रहा। विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी छवि धूमिल करने की साज़िश है।
प्रेसवार्ता में शालिनी यादव के साथ उनके पति अरुण यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि संबंधित फ्लैट वर्ष 1996 से उनके नाम पर है और तब से वह इसे किराए पर देते आ रहे हैं। उनके पास किरायेदारी अनुबंध की प्रतियां मौजूद हैं। इस प्रकरण में दर्ज किसी भी एफआईआर में उनका नाम नहीं है।
शालिनी यादव ने कहा कि बीते दो दिनों से अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर गलत तथ्यों के साथ भ्रामक खबरें चलाई जा रही हैं, जिनमें यह लिखा गया कि उनके कथित फ्लैट में पुलिस ने देह व्यापार पकड़ा और 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि वास्तविक स्थिति यह है कि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार उस फ्लैट से केवल तीन महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया था, जिन्हें बाद में सिगरा थाने से छोड़ दिया गया। अन्य 10 लोगों की गिरफ्तारी किसी अन्य स्थान से हुई थी, फिर भी भ्रामक तरीके से उनका नाम जोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि वे राज्यसभा के पूर्व सभापति एवं केंद्रीय मंत्री की बहू हैं और हमेशा सत्यनिष्ठा के साथ जनसेवा करती रही हैं। इसके बावजूद विपक्षी दलों के वरिष्ठ पदाधिकारी उनके खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं, जिससे उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुँचे।
शालिनी यादव ने बताया कि उनके विधिक सलाहकार उन सभी सोशल मीडिया पोस्ट और खबरों का संकलन कर रहे हैं, जिनमें बिना तथ्य सत्यापन के उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। शीघ्र ही संबंधित लोगों के विरुद्ध मानहानि और IPC की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में किसी भी महिला पर इस तरह के झूठे आरोप न लगाए जा सकें।
इस दौरान अरुण यादव ने भी कहा कि दो दिसंबर को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में मेलोडी स्पा के पास एबी लॉन में देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद पुलिस शक्ति शिखा स्थित फ्लैट में पहुँची, जो वर्ष 1999 से उनकी ही संपत्ति है। उन्होंने बताया कि यह फ्लैट 1 अप्रैल 2025 से चंदौली निवासी अश्वनी त्रिपाठी को विधिवत एग्रीमेंट कर किराए पर दिया गया है, जिसमें साक्षी हस्ताक्षर और नोटरी भी सम्मिलित है।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में तीन महिलाओं की गिरफ्तारी का उल्लेख है और फ्लैट मालिक के रूप में उनका कोई नाम नहीं है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर फैलाई गई खबरों में पूरे मामले को उनके नाम से जोड़ा जा रहा है, जो पूर्णतः असत्य और दुर्भावनापूर्ण है।
