वाराणसी
फाइनेंस कंपनी के नाम पर नौकरी का झांसा देकर एक लाख से अधिक की ठगी

वाराणसी | जनपद के जंसा क्षेत्र निवासी युवक आशीष यादव से टाटा फाइनेंस कंपनी में नौकरी देने के नाम पर 1.16 लाख रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक ने इस संबंध में साइबर क्राइम थाने में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है।
आशीष के अनुसार, उन्हें अप्रैल माह में एक कॉल के माध्यम से टाटा फाइनेंस सर्विस लिमिटेड में ‘एरिया सेल्स मैनेजर’ पद पर नियुक्त किए जाने की जानकारी दी गई। ऑनलाइन इंटरव्यू के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र और आईकार्ड ईमेल के जरिए भेजा गया। ज्वाइनिंग के बाद आशीष को बताया गया कि उनका कार्य विभिन्न प्रकार के लोन (बिजनेस, प्रॉपर्टी, पर्सनल) की फाइलिंग कराना होगा।
चार लोन फाइलें जमा, कंपनी ने नहीं दी रसीद
एक महीने के भीतर आशीष ने चार अलग-अलग व्यक्तियों की लोन फाइलें कंपनी को सब्मिट कीं, जिनके नाम हैं—हर्ष सिंह, अब्दुल कय्यूम, प्रदीप यादव और मोहम्मद फरीद अंसारी। इस प्रक्रिया में आशीष ने कुल 1,16,064 रुपए बतौर रजिस्ट्रेशन फीस और जीएसटी के रूप में ऑनलाइन ट्रांसफर किए।
तहसील से खुली पोल, नोटरी व सिग्नेचर को लेकर हुआ शक
बाद में कंपनी की एक महिला कर्मचारी, सीमा चौधरी ने आशीष से सभी फाइलों पर नोटरी और तहसीलदार के हस्ताक्षर कराने को कहा। जब आशीष फाइल लेकर तहसील पहुंचे, तो तहसीलदार ने स्पष्ट किया कि ऐसी किसी प्रक्रिया में उनकी सिग्नेचर की आवश्यकता नहीं होती। इसके बाद जब आशीष ने कंपनी से सवाल किए तो टाल-मटोल शुरू हो गई।
पैसे मांगने पर मांगा ‘फाइल चार्ज’, सैलरी भी नहीं मिली
फ्रॉड की आशंका होने पर जब आशीष ने कंपनी से जमा की गई राशि वापस मांगी, तो हर फाइल पर 1000 रुपए अतिरिक्त मांगे गए। इसके अलावा मई में उनकी सैलरी भी यह कहकर रोक दी गई कि “आपने कोई लोन अप्रूव नहीं कराया।”
जांच में जुटी साइबर क्राइम पुलिस
साइबर क्राइम थाने की टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल आशीष के जरिए जिन लोगों की लोन फाइलें जमा कराई गई थीं, वे सभी अब अपने पैसे वापस मांग रहे हैं।