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वाराणसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य” कार्यक्रम की तर्ज पर वाराणसी में सफल आयोजन के उपरान्त भव्य समापन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किये

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*विश्व प्रसिद्ध पयर्टक स्थल काशी के विद्युत लाईनों को भूमिगत कर न केवल तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाकर सुन्दर एवं सुव्यस्थित बनाने का प्रयास किया गया है*

*अपितु प्रतिकूल मौसम जैसे आँधी, तुफान, वर्षा आदि में विद्युत आपुर्ति में होने वाले व्यवधान से भी निजात मिलना निश्चित है*

*प्रधानमंत्री द्वारा विद्युत वितरण में सुधार एवं सुदृढिकरण हेतु चलाई गयी योजना कि लाभार्थी सिकरौल निवासी प्रमिला देवी से संवाद किया गया*

*प्रधानमंत्री ने प्रमिला देवी से संवाद के दौरान काशी की परंपरानुसार ‘हर हर महादेव’ को उद्घोषित किया व सावन पर बाबा के आशीर्वाद की कामना की*

   वाराणसी। देशभर में बिजली महोत्सव के अंतर्गत 25 जुलाई से चल रहे “उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य” कार्यक्रमों की तर्ज पर वाराणसी में सफल आयोजन के उपरान्त आज शनिवार 30 जुलाई को कमिश्नरी ऑडिटोरियम सभागार में आयोजित भव्य समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में “उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य” सामारोह की झलकियाँ प्रस्तुत की गयी। तत्पश्चात प्रधानमंत्री द्वारा ‘रीवैम्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम’ एवं ‘नेशनल सोलर रूफ टॉप पोर्टल’ का शुभारम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा एन0टी0 पी0 सी0 के हरित ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास किया गया।
        प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में देश के सर्वांगीण विकास हेतु विद्युत की उपलब्धता को विकास का महत्वपूर्ण कारक बताया एवं सम्बोधन में कहा कि 2047 तक भारत ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्णरूप से आत्मनिर्भर होगा। प्रधानमंत्री द्वारा विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार हेतु रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम की महत्ता एवं आवश्कता को भी बताया। प्रधानमंत्री द्वारा विद्युत के अपव्यय को रोकने का आग्रह देशवासियों से किया। सप्ताह भर चले आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य भारत की आजादी के पूरे होने जा रहे 75 गौरवान्वित वर्षों एवं हाल के वर्षों में जन-सामान्य की मूलभूत आवश्यकता के दृष्टिगत, विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में हुए आमूल-चूल सुधारों एवं सुदृढिकरण के माध्यम हुई अभूतपूर्व प्रगति का उत्सव मनाना था व साथ ही अधिक से अधिक जन-भागीदारी के साथ एवं बिजली क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति को व्यापक स्तर पर नागरिकों तक पहुचाना था। विद्युत आपूर्ति/वितरण के क्षेत्र में हमारी प्रमुख उपलब्धियों में वर्ष 2014 की अपनी उत्पादन क्षमता 2,48,554 मेगावाट को बढ़ाकर 4,00,000 मेगावाट करना, जो कि हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है, और हम पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर पा रहे हैं।लद्दाख से कन्याकुमारी और कच्छ से म्यांमार की सीमा तक दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत ग्रिड स्थापित किया गया है, जिसका उपयोग कर देश में एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट विद्युत पहुंचायी जा सकती है। हमारे द्वारा कॉप-21 में किये गये वर्ष 2030 तक कुल उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतो से किये जाने के वायदे को 9 वर्ष पूर्व ही नवम्बर 2021 में प्राप्त कर लिया गया एवं आज हम नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतो से 1,63,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर रहे हैं। हमने पिछले पाँच वर्षों में 2,01,722 करोड़ रूपये के परिव्यय से 2921 सब स्टेशनों का निर्माण, 3926 सब स्टेशनों का संवर्धन, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाईनों एवं 11 केवी की 2,68,838 एचटी लाईनों का संस्थापन, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण एवं संस्थापन करके वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपुर्ति का औसत 12.5 घण्टे बढ़कर 22.5 घण्टे हो गया है। सरकार ने उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 बनाये हैं। उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज कराने हेतु कोई निश्चित व्यवस्था के अभाव में 1912 फोन नं० उपलब्ध कराकर इस समस्या से निजात दिलाई गयी। वर्ष 2018 में 987 दिनों में गाँवों का 100 प्रतिशत का विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया गया तथा 18 महीनों में 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया गया, जिसे दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में जाना जाता है। सौर पम्पों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी, राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी एवं 30 प्रतिशत ऋण की सुविधा दी जायेगी। स्थानीय स्तर पर वाराणसी जैसे विश्व प्रसिद्ध पयर्टक स्थल को विद्युत लाईनों को भूमिगत कर न केवल तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाकर सुन्दर एवं सुव्यस्थित बनाने का प्रयास किया गया है अपितु प्रतिकूल मौसम जैसे आँधी, तुफान, वर्षा आदि में विद्युत आपुर्ति में होने वाले व्यवधान से भी निजात मिलना निश्चित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा विद्युत वितरण में सुधार एवं
सुदृढिकरण हेतु चलाई गयी योजनाओं के लाभार्थियों से वार्ता के क्रम में वाराणसी के सिकरौल निवासी प्रमिला देवी से संवाद किया गया। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने काशी की परंपरानुसार ‘हर हर महादेव’ को उद्घोषित किया व सावन पर बाबा के आशीर्वाद की कामना की। उन्होंने प्रमिला देवी से योगी सरकार आने के पहले बिजली उपलब्धता के बारे में भी पूछा, जिस पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में ज्यादे बिजली उपलब्धता हो रही।
          समारोह के दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय व सांसद मछलीशहर बीपी सरोज एवं सांसद चन्दौली, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, महापौर मृदुला जायसवाल, विधायक अजगरा त्रिभुवन राम, विधायक पिंडरा डॉक्टर अवधेश सिंह, विधायक कैण्ट सौरभ श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय उपस्थित थे।
       समारोह में कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, अधिशासी निदेशक, REC नई दिल्ली डा० काजल, प्रबन्ध निदेशक, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड विद्याभूषण, मुख्य महाप्रबन्धक THDC India Ltd. एवं स्टेट प्रोग्राम को-ऑरडीनेटर पी०के० नैथानी एवं डिस्काम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनसामान्य उपस्थित थे।

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