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वाराणसी

पूर्वांचल में करोड़ों की कोडीन तस्करी का पर्दाफाश, जौनपुर समेत कई फर्मों पर मुकदमा दर्ज

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वाराणसी/जौनपुर। पूर्वांचल में कोडीनयुक्त कफ सीरप व प्रतिबंधित कैप्सूल की करोड़ों रुपये की अवैध तस्करी का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक वाराणसी से लेकर जौनपुर, भदोही, सोनभद्र और आस-पास के जिलों में कोडीन युक्त दवाओं की बिक्री व तस्करी से सनसनी फैल गई है। कई आरोपित फरार हैं तथा कुछ पहले से ही भूमिगत हैं, जबकि कुछ लोग इस अवैध कारोबार से करोड़पति और अरबपति तक बन चुके हैं। प्रकरण के राजनीतिक रंग लेने के बाद पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी, पर मुख्य आरोपी अभी तक पकड़ से बाहर हैं।

भदोही में औषधि प्रशासन और पुलिस के संयुक्त सत्यापन में पाया गया कि मर्यादपट्टी की महेंद्र मेडिकल एजेंसी से बायोहब कोविड 100 मिलीलीटर की 8,640 शीशी कोडीनयुक्त कफ सीरप तथा 72,480 प्यूराक्सिविन स्पास (P) कैप्सूल बेचे गए। न तो इन दवाओं की बिक्री के पीछे किसी चिकित्सक के पर्चे का रिकार्ड मिला और न ही खरीदारों का विवरण दर्ज था। इसी मामले में महेंद्र मेडिकल एजेंसी के संचालक संजीव गुप्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया और एजेंसी के लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की गई।

औषधि प्रशासन की टीम ने अमवाकला के श्रीगुरुदेव मेडिकल एजेंसी, महाराजगंज के ओपी फार्मा (तिउरी) तथा चौरी के राजेंद्र एंड संस मेडिकल स्टोर की भी जांच की, किन्तु तीनों दुकानें बंद मिलीं। जांच में इन दुकानों पर भी कोडीनयुक्त कफ सीरप व प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के प्रमाण मिले। इन पर क्रय-विक्रय पर रोक लगाने और लाइसेंस निलंबन की सिफारिश की गई है।

लखनऊ के औषधि निरीक्षक संदेश मौर्य की सूचना के अनुसार कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेसर्स मेगा लॉजिस्टिक्स ने 13 जून 2024 से 26 जुलाई 2025 के बीच 25 इनवॉइस के माध्यम से 302 बॉक्स कोडीनयुक्त कफ सीरप व प्रतिबंधित प्यूराक्सिविन मेसर्स महेंद्र मेडिकल एजेंसी, मर्यादपट्टी को बेचे। शासन के निर्देशानुसार 18 नवंबर को इस एजेंसी की जांच की गई।

जौनपुर में हुई जांच में यह खुलासा हुआ कि 42.45 करोड़ रुपये मूल्य की कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी का तार अंतरराज्यीय गैंग से जुड़ा पाया गया। इस तस्करी के मास्टर माइंड के रूप में वाराणसी के चर्चित शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला जायसवाल के नाम शामिल हैं। झारखंड के रांची स्थित शैली ट्रेडर्स के माध्यम से जनपद के 12 थोक दवा व्यवसायियों को कुल 18,90,000 शीशियाँ फेंसेडिल (कोडीनयुक्त कफ सीरप) बिल की गई, पर सीरप को जौनपुर न भेजकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश सहित कई अन्य राज्यों में तस्करी कर दिया गया। औषधि निरीक्षक द्वारा 12 फर्म संचालकों के विरुद्ध तहरीर दी गई और बाद में जांच के आधार पर सप्लायर पिता-पुत्र को भी आरोपी बनाया गया।

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जिन फर्मों व एजेंसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें प्रमुख हैं—शैली ट्रेडर्स, रांची (संचालक: भोलानाथ जायसवाल), शुभम जायसवाल, पूर्वांचल एसोसिएट (ढालगरटोला), गुप्ता ट्रेडिंग (बालवरगंज, सुजानगंज), मिलन ड्रग्स सेंटर (ढालगरटोला), मिलन मेडिकल एजेंसी (बलुआघाट), शौकुश्य फार्मा (सरफराजपुर), स्टार इंटर प्राइजेज (दिलाजाक अकबरी मार्केट), श्री मेडिकल एजेंसी (मुरादगंज), हर्ष मेडिकल एजेंसी (ढालगरटोला), बद्रीनाथ फार्मेसी एंड सर्जिकल (कटघरा), निगम मेडिकल एजेंसीज (ओलंदगंज), एसएन मेडिकल एजेंसी (मुफ्ती मोहल्ला) और श्रीकेदार मेडिकल एजेंसी (उदपुर नौपेड़वां)। बताया गया है कि रांची से बिलिंग होने वाली इन फर्मों को शुभम जायसवाल मासिक तौर पर तय राशि देता था और माल को जनपद भेजने के बजाय अन्य राज्यों में पहुंचाया जाता था।

अपर पुलिस अधीक्षक आयुष श्रीवास्तव ने कहा है कि मामले की विस्तृत और बहुआयामी जांच जारी है और इस अवैध तस्करी में शामिल और आरोपित व्यक्तियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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