वाराणसी
नवजात के स्वास्थ्य से हारिये मत, तय करिये एसएनसीयू का रास्ता

कम वजन और सांस की तकलीफ से जूझ रहे नवजातों का एसएनसीयू में सफल इलाज
सितम्बर माह में 73 तथा अक्टूबर में 55 नवजात शिशु हुये लाभान्वित
वाराणसी। बड़ागांव क्षेत्र में 20 नवंबर को एक 2160 ग्राम वजन का लावारिस नवजात शिशु पाया गया, जिसे एशियन संस्था बाबतपुर की मदद से जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू (सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती कराया गया। शिशु को सांस लेने में तकलीफ थी और उसका वजन भी बेहद कम था। अस्पताल के बेहतर इलाज और देखभाल के कारण अब शिशु पूरी तरह स्वस्थ है।
संस्था की केयरटेकर रेखा भारती ने बताया कि अब बच्चा ठीक से दूध पी रहा है और उसे सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था और डॉक्टरों की 24 घंटे की सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां नि:शुल्क इलाज की सुविधा बेहद सराहनीय है।
दूसरी ओर, अमृता देवी, निवासी रमचंदीपुर, रामपुर ढाब, ने बताया कि 19 नवंबर को उनके यहां एक बेटी का जन्म हुआ था। प्रसव के दौरान बच्ची ने गंदा पानी (मेकोनियम) पी लिया था, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सीएचसी चोलापुर से रेफर किए जाने के बाद बच्ची का इलाज एसएनसीयू में किया गया। अब बच्ची स्वस्थ है और सही से दूध पी रही है। अमृता देवी ने नि:शुल्क इलाज और अस्पताल के स्टाफ का आभार व्यक्त किया।
एसएनसीयू में नवजातों के लिए विशेष सुविधाएं
जिला महिला अस्पताल की अधीक्षक डॉ. मनीषा सिंह सेंगर ने बताया कि 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं को सांस लेने में कठिनाई, जन्म के समय न रोने, शुगर लेवल कम होने, झटके आने, दूध न पी पाने, इन्फेक्शन, पीलिया, ठंडा पड़ना (हाइपोथर्मिया), बुखार, कैल्शियम की कमी, या कम वजन जैसी समस्याओं का इलाज एसएनसीयू में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने वाले शिशुओं की सेहत पर एक साल तक नजर रखी जाती है। अभिभावकों को फोन कर बच्चों के स्वास्थ्य का हाल पूछा जाता है और उन्हें जागरूक भी किया जाता है।
एसएनसीयू प्रभारी और वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपी सिंह ने बताया कि यहां 12 बेड की सुविधा है। बिहार, मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे आसपास के क्षेत्रों से आने वाले गंभीर हालत के नवजातों का इलाज यहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि सितंबर में 73 और अक्टूबर में 55 नवजातों को यहां इलाज से लाभ हुआ।

मिल्क बैंक और केएमसी वार्ड की सुविधा
एसएनसीयू में 2 बेड का एमएनसीयू वार्ड है, जहां माताएं अपने बच्चों को केएमसी (कंगारू मदर केयर) देती हैं। इसके अलावा, 2 बेड का एलएमएनयू वार्ड (मिल्क बैंक) भी है, जहां माताएं अपना दूध निकालकर स्टोर कर सकती हैं। जरूरत पड़ने पर स्टाफ नर्स इसे नवजात को पिलाती हैं।
एसएनसीयू में आधुनिक मशीनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24×7 उपलब्ध है। डॉ. संजय मोहन गुप्ता, डॉ. डीवी सिंह, डॉ. रंगनाथ दुबे, डॉ. आमिर रियाज और अन्य 12 स्टाफ की टीम लगातार सेवाएं दे रही है।
सरकारी अस्पताल की इन सुविधाओं ने नवजात शिशुओं की देखभाल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिल रही है।