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वाराणसी

दहेज हत्या मामले में तीन आरोपियों की सजा निलंबित

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वाराणसी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के एक दहेज हत्या मामले में दोषी ठहराए गए ससुराल पक्ष के तीन आरोपियों ससुर, सास और देवर की सजा निलंबित करते हुए अपील की सुनवाई तक जमानत प्रदान कर दी है। इन आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने जून 2024 में दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या के तहत 10 साल की सजा सुनाई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति वाणी रंजन अग्रवाल की एकल पीठ द्वारा मुन्नालाल और दो अन्य की दाखिल आपराधिक अपील पर दिया गया। मामला वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2009 में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। आरोप था कि मृतका को दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई।

सात जून 2024 को ट्रायल कोर्ट ने मुन्नालाल, कुसुम देवी और सोनू को दहेज हत्या का दोषी मानते हुए 10 वर्ष की कैद की सजा दी थी। इसके विरुद्ध तीनों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर सजा निलंबित करने और जमानत की मांग की।

अपीलकर्ताओं के अधिवक्ता का तर्क था कि आरोपियों को झूठा फंसाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी मुकदमे की पूरी अवधि में जमानत पर थे और उन्होंने कभी भी जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सजा निलंबित करते हुए आरोपियों को सशर्त जमानत देने का आदेश जारी कर दिया।

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