Connect with us

वाराणसी

दंपती से 81 लाख की साइबर ठगी, इलाज के लिए बेची थी संपत्ति

Published

on

वाराणसी। शहर के गोविन्दजी नायक लेन निवासी अनुज कुमार गोठी और उनकी पत्नी मीतू गोठी साइबर अपराधियों के शिकार बन गए। पति-पत्नी दोनों किडनी फेलियर से जूझ रहे थे और ट्रांसप्लांट के बाद इलाज व भविष्य की जरूरतों के लिए अपनी पैतृक संपत्ति बेचकर बैंक खाते में पैसा जमा किया था।

इसी बीच 30 जून की शाम मीतू के मोबाइल पर एक अनजान कॉल आया जिसमें खुद को पुलिस या केंद्रीय एजेंसी से जुड़ा अधिकारी बताया गया। कॉलर ने कहा कि उनके नंबर से अश्लील संदेश भेजे गए हैं और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। डर के माहौल में मीतू से कहा गया कि अगर निर्दोष हैं तो आरबीआई (RBI) के बताए गए सरकारी खाते में अपनी पूरी रकम ट्रांसफर करें ताकि वैधता की जांच हो सके।

तीन दिन तक कॉलर ने मीतू को फोन पर लगातार निर्देश देकर मानसिक उत्पीड़न किया। 1 जुलाई को उन्होंने 30 लाख रुपये, 2 जुलाई को 37 लाख रुपये और 14 लाख रुपये फर्म के नाम पर खोले गए खातों में भेज दिए। जब अकाउंट में पैसा खत्म हो गया तो कॉलर ने फोन काट दिया और नंबर बंद कर दिए। बाद में मीतू ने पति को पूरी जानकारी दी। दोनों ने 5 जुलाई को साइबर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस का कहना है कि जिन खातों में पैसा भेजा गया है, वे चालू खाता हैं और तकनीकी जांच कराई जा रही है। डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने कहा कि उच्च स्तरीय टीम जांच कर रही है और ठगों तक पहुंचने के लिए तकनीकी साक्ष्यों की मदद ली जा रही है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर बिना पुष्टि के जानकारी न दें और ऐसी स्थिति में तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने से संपर्क करें।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page