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वाराणसी

तालाब की जमीन पर बनी नदेसर की जामा मस्जिद, नगर निगम की सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

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वाराणसी में सरकार की 406 संपत्ति पर वक्फ बोर्ड काबिज

वाराणसी की नदेसर जामा मस्जिद, जो सरकारी तालाब की जमीन पर बनी हुई है, एक बार फिर चर्चा में है। प्रशासनिक सर्वे में खुलासा हुआ है कि वाराणसी में उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज कुल 1637 संपत्तियों में से 406 संपत्तियां राज्य सरकार की हैं। इन संपत्तियों पर मस्जिद, कब्रिस्तान, इमामबाड़ा समेत अन्य धार्मिक स्थल बने हुए हैं।

वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज संपत्तियां
उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के रजिस्टर के अनुसार, वाराणसी में 1537 संपत्तियां सुन्नी वक्फ बोर्ड के नाम और 100 संपत्तियां शिया वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज हैं। हालिया सर्वे के दौरान यह तथ्य सामने आया कि इनमें से 406 संपत्तियां राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की हैं।

1359 फसली के रिकॉर्ड पर आधारित जांच
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि 1359 फसली वर्ष के खसरा खतौनी के रिकॉर्ड के आधार पर नगर निगम और तहसील ने यह सर्वे किया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि वक्फ बोर्ड के रजिस्टर में कई ऐसी संपत्तियां दर्ज हैं, जो वास्तव में राज्य सरकार की हैं। इनमें बंजर भूमि, तालाब, चारागाह, खेत और आबादी क्षेत्र शामिल हैं।

वर्तमान स्थिति का स्थलीय निरीक्षण
हाईकोर्ट के आदेश पर गठित कमेटी के निर्देशानुसार, सर्वे में यह भी देखा गया कि इन संपत्तियों पर वर्तमान में क्या निर्माण है। स्थलीय निरीक्षण में पाया गया कि अधिकांश संपत्तियों पर मस्जिद, कब्रिस्तान और मजार बने हुए हैं। हालांकि, कई ऐसी संपत्तियां भी मिलीं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में धार्मिक स्थल के रूप में दर्ज हैं, लेकिन मौके पर खेत और मकान पाए गए।

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रिपोर्ट भेजी गई सरकार और कमेटी को
प्रशासन ने अपनी सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार और हाईकोर्ट की गठित कमेटी को सौंप दी है। अब यह देखना होगा कि इन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का दावा बरकरार रहेगा या राज्य सरकार इन्हें वापस अपने अधिकार क्षेत्र में लेगी।

प्रशासन की कार्रवाई पर नजर
इस खुलासे के बाद, जिला प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की नजर है। वक्फ बोर्ड द्वारा सरकारी संपत्तियों को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करने के मामले ने एक बार फिर सरकारी जमीनों की निगरानी की आवश्यकता को उजागर किया है।

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