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वाराणसी

डेंगू के डंक से है बचना तो जागरूक और सतर्क रहना

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स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, चल रहा डेंगू जागरूकता माह

  • इस साल जनपद में अभी तक नहीं मिला डेंगू का एक भी मरीज
  • ठहरे व साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर
  • बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों से रहें बेहद सावधान

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी: बारिश का मौसम आते ही जगह-जगह जलभराव और गंदगी जमा होने से कई संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में सभी को सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर जुलाई माह को डेंगू जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। साथ ही संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि संक्रामक बीमारियों के बारे में समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। खास बात यह है कि इस साल अभी तक जनपद में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार से ग्रसित लोगों की जांच करें। पॉज़िटिव मरीजों की सूचना जिला मलेरिया इकाई को अनिवार्य रूप से दें। मच्छर पैदा करने वाले स्रोतों का पूर्णतः विनष्टीकरण करें। छिड़काव और फोगिंग के लिए नगरीय क्षेत्र में नगर विकास तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज विभाग से सहयोग लें। सरकारी चिकित्सालयों और ब्लॉक स्तरीय सीएचसी पीएचसी को आवश्यक बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया है। ग्रामीण व नगर के उच्च जोखिम (हॉट स्पॉट) वाले क्षेत्रों पर सक्रिय रूप से छिड़काव और फोगिंग का कार्य कराया जाए।
एसीएमओ व संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों से नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। 17 जुलाई से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में घर-घर जाकर बुखार, टीबी व फाइलेरिया के रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार कराया जाएगा। सभी आशा कार्यकर्ताओं को रेपिड टेस्ट किट और वेक्टर सर्विलान्स के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रत्येक सीएचसी पीएचसी पर रेपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया जा चुका है।        
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू एक जानलेवा संक्रामक रोग है जोकि संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू से ग्रसित कर सकता है। बरसात के मौसम में ही डेंगू का खतरा बढ़ने लगता है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में ही काटते हैं। इसके मच्छर ठहरे हुये व साफ पानी में पनपते हैं जैसे – कूलर के पानी, रुंधे हुये नालों में और नालियों में। डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो सकता है । इसलिए इसके प्रति बेहद सावधान, सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 से अभी तक जिले में डेंगू के लिए करीब 1500 रेपिड टेस्ट हो चुके हैं जिसमें कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया। वहीं मलेरिया के लिए करीब 67564 लोगों की ब्लड स्लाइड से जांच की जिसमें 12 पॉज़िटिव पाये गए। ये सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों तथा शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू, मलेरिया आदि के जांच की सुविधा मौजूद है। 
डेंगू के लक्षण –

  • तेज सिरदर्द व बुखार का होना
  • मांस पेशियों एवं जोड़ों में अधिक दर्द होना
  • आँखों के पीछे दर्द होना
  • जी मिचलाना, उल्टी, दस्त तथा त्वचा पर लाल रंग के दाने होना
  • गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना।
  • स्थिति गम्भीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी
    जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर घरों के अंदर व आसपास रूके हुये साफ पानी में पनपता है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुये बर्तन व टायर इत्यादि।
    क्या करें –
  • पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर रखें।
  • सप्ताह में एक बार कूलर को खाली करके सुखा दें।
  • यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो बदन को पूरी तरह ढकें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है।
  • डॉक्टर की सलाह पर बुखार उतारने के लिए आवश्यक दवा जरूर लें
  • अधिक बुखार होने पर डाक्टर की सलाह लें। डाक्टर की सलाह पर रोगी को अस्पताल में भर्ती अवश्य करा दें।

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