वाराणसी
जयदेश की खबर का असर: सतुआ बाबा के तेवर के बाद महंत बाल योगी को मिला न्याय, वर्षों बाद मिला आश्रम पर कब्जा

वाराणसी। सारनाथ स्थित अकथा क्षेत्र में वर्षों से चल रही एक धार्मिक विवाद का पटाक्षेप तब हुआ जब जयदेश की खबर के बाद सतुआ बाबा ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया। संतोष दास सतुआ महाराज के सक्रिय हस्तक्षेप और सारनाथ क्षेत्राधिकारी (एसीपी) अतुल अंजान त्रिपाठी की पहल पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महंत बाल योगी को उनके पशुपतेश्वर महादेव आश्रम पर विधिवत कब्जा दिलाया।
बताया जा रहा है कि आश्रम पर अवैध कब्जे की कोशिशें लंबे समय से चल रही थीं, जिसमें एक सेवादार छोटेलाल राजभर द्वारा कुछ भूमाफियाओं के साथ मिलकर आश्रम को हड़पने का प्रयास किया जा रहा था। महंत बाल योगी वर्षों से न्याय के लिए संघर्षरत थे, लेकिन हालात तब बदले जब मामला सतुआ बाबा के संज्ञान में आया।
दो दिन पूर्व सतुआ महाराज ने इस विषय पर सारनाथ एसीपी से गहन मंत्रणा की, जिसके बाद गुरुवार को सारनाथ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महंत बाल योगी को आश्रम पर पुनः काबिज कराया। पुलिस के पहुंचते ही अवैध कब्जे की कोशिश में लगे व्यक्ति मौके से फरार हो गए।
घटना के बाद महंत बाल योगी ने सतुआ बाबा, एसीपी त्रिपाठी और सभी सनातन धर्म प्रेमियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह सत्य की विजय है। वर्षों का संघर्ष आज रंग लाया। सनातन धर्म और न्याय की जीत हुई है।”
यह घटना न केवल धार्मिक आस्था की रक्षा का प्रतीक बनी, बल्कि यह भी दर्शाया कि जब संत समाज संगठित होता है, तो अन्याय कितना भी बड़ा क्यों न हो, टिक नहीं पाता।