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पूर्वांचल

चंदौली : महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न रोकथाम के लिए जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

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कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम पर विधिकजागरूकता शिविर का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवंजनपद न्यायाधीश सुनील कुमार -IV के दिशा-निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सदर तहसील सभागार में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के बारे मे बताया कि ये अधिनियम 09 दिसम्बर 2013 से प्रभाव में आया था। जैसा कि इसका नाम ही इसके उद्देश्य– रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है और उल्लंघन के मामलें में पीड़ित को निवारण प्रदान करने के लिये भी ये कार्य करता है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों और दिशानिर्देशों, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन के विभिन्न शारीरिक, मौखिक और गैर मौखिक रूपों, विभिन्न समितियों और उनकी भूमिकाओं, शिकायतों की जांच और जांच रिपोर्ट्स पर प्रकाश डाला।

उन्होंने आगे बताया कि, जिस महिला के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन हुआ है, वह जिला स्तर, विभाग स्तर पर गठित समिति के समक्ष उपस्थित होकर लिखित रूप से शिकायत कर सकती है। यदि पीडित शिकायत दर्ज करने की मानसिक स्थिति में नहीं है, तो उसके रिश्तेदार या मित्र, उसके विशेष शिक्षक, उसके मनोचिकित्सक मनोवैज्ञानिक, उसके संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहे है, वह भी शिकायत कर सकते है। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं द्वारा यौन उत्पीडन को रोकने और रोकने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न तरीकों का सुझाव देकर प्रतिभागियों को सशक्त बनाया।

उक्त कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सोंएक्ट) राजेन्द्र प्रसाद, अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम विनय कुमार सिंह, विशेष न्यायाधीश (एस०सी०/एस०टी०) एक्ट /प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुराग शर्मा, अपर जनपद न्यायाधीश/एफ०टी०सी० प्रथम श्यामबाबू एवं न्यायालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। उक्त जानकारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल,अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चन्दौली द्वारा दी गई।

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