वाराणसी
काशी गंगा महोत्सव में बहेगी भक्ति और संगीत का संगम
वाराणसी। देव दीपावली से पूर्व काशी के घाटों पर संगीत, नृत्य और लोक कलाओं की संगीतमय धारा बहने वाली है। मां गंगा के पावन तट पर इस वर्ष गंगा महोत्सव का आयोजन 1 से 4 नवम्बर तक होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से राजघाट सहित विभिन्न घाटों पर देशभर के प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से काशी की सांस्कृतिक विरासत को और भव्य बनाएंगे।
चार दिवसीय इस उत्सव में शास्त्रीय, भक्ति और लोक संगीत का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। आयोजन के अंतिम दिन लोकप्रिय भजन गायक हंसराज रघुवंशी अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो देंगे। वहीं, पद्मश्री मालिनी अवस्थी उत्तर भारत की लोक परंपराओं को जीवंत करेंगी और पद्मश्री गीता चंद्रन भरतनाट्यम नृत्य से कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार के अनुसार, हर दिन शाम 4 बजे से गीत, संगीत, नृत्य और वादन की प्रस्तुतियां होंगी। गंगा महोत्सव में लोक और शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियां गूंजेंगी और पारंपरिक नृत्य शैलियों की झलक देखने को मिलेगी।
🎵 चार दिवसीय कार्यक्रम सारणी
पहला दिन – 1 नवम्बर
पं. माता प्रसाद मिश्र व पं. रविशंकर मिश्र – कथक युगल नृत्य
कविता मोहंती – ओडिसी नृत्य
विदुषी श्वेता दुबे – गायन
विदुषी कमला शंकर – स्लाइड गिटार
डॉ. रिपि मिश्र – शास्त्रीय गायन
डॉ. दिवाकर कश्यप एवं डॉ. प्रभाकर कश्यप – उपशास्त्रीय गायन
रवि शर्मा एवं समूह – ब्रज लोक नृत्य व संगीत
पं. नवल किशोर मल्लिक – शास्त्रीय गायन
दूसरा दिन – 2 नवम्बर
शिवानी शुक्ला – गायन
प्रवीण उद्भव – तालयात्रा
राजकुमार तिवारी ‘राजन तिवारी’ – गायन
डॉ. अर्चना आदित्य महास्कर – गायन
साकार कलाकृति समूह – पारंपरिक लोक नृत्य
वंदना मिश्रा – गायन
प्रो. पं. साहित्य नाहर व डॉ. पं. संतोष नाहर – सितार एवं वायलिन जुगलबंदी
ओम प्रकाश – भजन गायन
पद्मश्री गीता चंद्रन – भरतनाट्यम
तीसरा दिन – 3 नवम्बर
मीना मिश्रा – गायन
विशाल कृष्ण – कथक नृत्य
दिव्या शर्मा – हिन्दुस्तानी खयाल गायकी
राकेश कुमार – जनजातीय लोक नृत्य
इन्दु गुप्ता – लोक गायन
चेतन जोशी – बांसुरी वादन
विदुषी कविता द्विवेदी – ओडिसी नृत्य
मालिनी अवस्थी – लोक गायन
चौथा दिन – 4 नवम्बर
डॉ. शुभांकर डे – गायन
डॉ. प्रेम किशोर मिश्र एवं साथी – सितार, सरोद जुगलबंदी
राहुल रोहित मिश्र – शास्त्रीय गायन
रूपन सरकार समन्ता – शास्त्रीय गायन
वासुमती बद्रीनाथन – शास्त्रीय गायन
शिवानी मिश्रा – कथक समूह नृत्य
मानसी रघुवंशी – गायन
हंसराज रघुवंशी – भजन गायन
इस बार का काशी गंगा महोत्सव अपनी सांस्कृतिक विविधता, कलाकारों की भव्य उपस्थिति और गंगा तट की अनुपम पृष्ठभूमि के कारण विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।
