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एक्शन मोड में डीआईजी वैभव कृष्ण, भ्रष्टाचार के मामले में तीन पुलिसकर्मी समेत 20 शिकंजे में, थानाध्यक्ष फरार

रिपोर्ट - शुभम कुमार सिंह
पुलिस पर रिश्वतखोरी के आरोपों के बीच बलिया जिले में एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया और आजमगढ़ परिक्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण गुरुवार को पुलिस की भ्रष्टाचार वाली कार्यप्रणाली की सूचना मिलने पर खुद एक ट्रक में सवार होकर निकले तो वसूली का प्रमाण मिला।
बलिया जिले की कोरंटडीह चौकी के सामने पुलिस और प्राइवेट व्यक्ति ट्रक वाले से पैसे ले रहे थे। औचक निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने वसूली कर रहे पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस दौरान मौके से थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी भाग गये।

जानकारी के अनुसार, बलिया के नरही थाने में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और तस्करी के आरोप लग रहे थे। आरोपों में शराब, पशु तस्करी और लाल बालू की तस्करी की शिकायतें प्रमुख थीं। इन शिकायतों के आधार पर पुलिस विभाग और सरकार को सूचित किया गया, जिसके बाद एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण ने तुरंत कार्रवाई का निर्णय लिया।
छापामारी करने के बाद डीआईजी ने बताया कि, अगर लगातार सभी जिलों में छापेमारी चले तो ही यह व्यवस्था सुधरेगी। 2/4 छापा मारकर मामला ठंडा हुआ तो सुधार का मामला ढांक के तीन पात ही रहेगा रहेगा। हर दिन UP से बिहार 1000 ट्रक जाती है, और एक ट्रक 500 रुपए बलिया के नरही थाने में देती थी। इसका मतलब पुलिस को हर दिन 5 लाख रुपये मिलता था। मैं जितना पुलिस को जनता हूं एक इंस्पेक्टर एक दिन का 5 लाख और 1 महीने का डेढ़ करोड़ अकेले तो नहीं डकार पाएंगे।