वाराणसी
अशोक तिवारी बने वाराणसी के मेयर: सपा को 158,715 और कांग्रेस को 94,288 वोट मिले
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
यूपी नगर निकाय चुनाव में वाराणसी के महापौर पद की सीट पर एक बार फिर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। सूबे की प्रतिष्ठित वाराणसी नगर निगम सीट पर पार्टी ने लगातार छठवीं बार कब्जा किया है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक भाजपा के अशोक तिवारी को एक लाख 33 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। यह अबतक की सबसे बड़ी जीत बताई जा रही है।
लगातार जीत से पार्टी में काफी उत्साह है। 28 वर्षों से वाराणसी के मेयर पद पर भाजपा का अजेय विजय रथ शनिवार को भी आगे बढ़ा। भाजपा ने मेयर पद पर अपना कब्जा बरकरार रखते हुए नगर निगम के इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत वाले सदन का कीर्तिमान रचा है।
नगर के प्रथम नागरिक अशोक तिवारी के साथ ही भाजपा ने 63 पार्षद सदन में पहुंचे हैं। चुनाव में सपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है और निर्दलियों ने इस चुनाव में बड़ी लकीर खींची है। मेयर के चुनाव में जितने मत भाजपा को मिले हैं, उतने सपा और कांग्रेस प्रत्याशी मिलकर भी नहीं प्राप्त कर सके। कांग्रेस के वोट बैंक में भी गिरावट आई है।
1995 से लगातार भाजपा की जीत
वाराणसी में नगर निगम से पहले नगर महापालिका थी, तब यहां 1960 से 1994 तक नगर प्रमुख हुआ करते थे। इसके बाद 1995 में नगर निगम बनने के बाद मेयर पद की सीट सामान्य थी और भाजपा ने सरोज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था और जीत मिली थी। वर्ष 1995 से लगातार भाजपा महापौर सीट पर काबिज रही। इस बार भी कांग्रेस, सपा और बसपा महापौर सीट पर भाजपा के गढ़ को नहीं तोड़ पाए।
इस बार चुनाव प्रचार में बसपा से तो कोई बड़ा नेता नहीं आया लेकिन सपा के कई दिग्गज मैदान में उतरे थे। वाराणसी नगर निगम महापौर सीट पर कब्ज़ा पाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि कहा था कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है। अब जरूरत ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने पर है। यह अपील जनता को पसंद आया और मेयर की सीट भाजपा की झोली में डाल दी। 29 चक्र चली मतगणना में अशोक तिवारी ने पहले चरण से ही बढ़ती बना ली थी जो आखिरी तक बरकरार रही। हर चक्र में उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया। जीत के बाद अशोक तिवारी ने कहा कि शहर के विकास के लिए जो भी संभव प्रयास होंगे, किए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाएंगी।
नोटा से भी कम मत पाए 3 मेयर प्रत्याशी
नगर निगम के 4852 मतदाताओं को मेयर पद का कोई उम्मीदवार नहीं भाया और उन्होंने ईवीएम में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाया। नोटा से भी कम मत पाने वालों में निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश चौरसिया, दीपक लाल और शमशेर खान का नाम शामिल है। शमशेर खान को 2140, दीपक लाल को 2879 और ओम प्रकाश चौरसिया को 4114 मत मिले।
