वाराणसी
अक्षय तृतीया एवं ईद के शुभ अवसर पर ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर का उद्घाटन
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी: अक्षय तृतीया एवं ईद के शुभ अवसर पर कुलानुशासक मंडल एवं महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में “ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर” का उद्घाटन समारोह, जिम्नेजियम हॉल क्रीडा परिषद, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में प्रातः 8:30 बजे संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, मुख्य अतिथि प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य, कुलपति, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर। विशिष्ट अतिथियों के रूप में प्रोफेसर कल्पलता पांडे, कुलपति, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया उपस्थित रही। कार्यक्रम में प्रथम महिला, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ देवसुता त्यागी एवं ममता रानी अपर पुलिस उपायुक्त, महिला अपराध, कमिश्नरेट, वाराणसी भी उपस्थित रही। साथ ही महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे, हरीश चंद्र एवं वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति बनी रही। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं राष्ट्र पिता महात्मा गांधी एवं राष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ। कुलानुशासक प्रोफेसर अमिता सिंह ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से पौधा देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि काशी की समस्त बहनों को इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करना चाहिए। यह महात्मा गांधी की संस्था है जिन्होंने अपने जीवन काल में स्त्रियों के उत्थान एवं समाजिक बुराइयों को मिटाने हेतु निरंतर प्रयासरत रहे। कुलपति ने बताया कि योग एक माध्यम है जिसके द्वारा शरीर एवं मन को स्वस्थ एवं निरोगी रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक स्त्री दो घरों को देखती है अगर वह योग को सीखेगी तो इसका प्रशिक्षण भी दो घरों को दे करके उनको स्वस्थ एवं निरोगी बना सकती है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने बताया कि योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं बल्कि एक संस्कृति और जीवन जीने की कला है जो मनुष्य को स्वस्थ रखती है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कल्पलता पांडे ने बताया कि आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में योग सभी के लिए अति आवश्यक है यह मनुष्य को तनावमुक्त रखने का एक माध्यम भी है। विशिष्ट अतिथि ममता रानी ने बताया कि योग के माध्यम से आप स्वयं को स्वस्थ रखने के साथ अपने मन को भी स्वस्थ्य रख सकते हैं जो आपकी सृजनात्मकता और गुणात्मकता को बढ़ाता है जिससे आप और बेहतर परिणाम दे सकती हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर अमिता सिंह ने काशी की समस्त बहनों को योग करने हेतु आवाह्न किया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक महिलाएं इसमें सहभागिता कर स्वास्थ्य लाभ उठाये और निरोग रहे। उन्होंने बताया कि योग शिविर 21 जून को योग दिवस तक निर्बाध रूप से शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक जारी रहेगा और रविवार को अवकाश रहेगा। महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति की सदस्य डॉ.रोली सिंह ने कहा कि योग धार्मिक नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो शरीर मन व आत्मा को एक साथ संतुलित करती है। कार्यक्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अनेक शिक्षकगण प्रो. बृजेश सिंह, प्रो. जया कुमारी, प्रो. भारती रस्तोगी,डॉ. नवरत्न सिंह, डॉ. नीरज धनकड़, डॉ. अंजना वर्मा, डॉ. मुकेश पंथ, डॉ. जय प्रकाश यादव, डॉ. राधेश्याम राय, डॉ. गोपाल यादव, डॉ अनिरुद्ध तिवारी, डॉ अर्चना गोस्वामी, डॉ ज्ञानेंद्र मिश्र, डॉ वीणा सिंह एवं कुलानुशासक मंडल एवं महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति के समस्त सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएँ उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रतिभा सिंह एवं रीना चटर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ चंद्रमणि ने किया। अंत में पूर्णिमा मिश्रा, योग प्रशिक्षका, सुबह- ए- बनारस, वाराणसी ने विभिन्न योग एवं आसन की जानकारी दी। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
