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वाराणसी

अंडरवर्ल्ड डॉन सुभाष ठाकुर बीएचयू से गये फतेहगढ़ सेंट्रल जेल

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एक दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों के पैनल ने घोषित किया स्वस्थ

वाराणसी। उम्रकैद की सजा काट रहें अंडरवर्ल्ड डॉन सुभाष ठाकुर को पांच साल बाद बीएचयू अस्पताल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया। यह प्रक्रिया आसान नहीं रही, क्योंकि वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर अस्पताल में रह रहे थे।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल द्वारा गठित 12 डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने सुभाष ठाकुर को पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया। इसके बाद ठाकुर को फतेहगढ़ जेल वापस भेज दिया गया। सुभाष ठाकुर का नाम 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़ा रहा लेकिन मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद देशद्रोह के आरोप में फंसे दाऊद इब्राहिम गिरोह से सुभाष ठाकुर और उनके सहयोगियों ने पूरी तरह नाता तोड़ दिया था क्योंकि वह खुद को देशद्रोही साबित नहीं करना चाहते थे।

सुभाष ठाकुर को 1992 में हुए जेजे अस्पताल हत्याकांड, हत्या के प्रयास और टाडा एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया था। 2000 में ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 2019 में सुभाष ठाकुर ने गुर्दे, पेट और आंखों की गंभीर बीमारियों का हवाला देकर बीएचयू अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति ली थी।

डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री के निर्देश पर गठित डॉक्टरों के पैनल ने स्पष्ट किया कि सुभाष ठाकुर के अस्पताल में रहने का कोई ठोस आधार नहीं है। बीएचयू में भर्ती रहने के दौरान, सुभाष ठाकुर के आस-पास कड़ी सुरक्षा के साथ उनके सहयोगी मौजूद रहते थे, जिससे आम लोगों का वहां पहुंचना मुश्किल था।

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सोमवार की शाम पुलिस सुरक्षा के बीच उन्हें फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया कि सजायाफ्ता कैदी को स्वस्थ पाए जाने के बाद अस्पताल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए उन्हें फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया।

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