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वाराणसी

वाराणसी:नव वर्ष में पर्यटक क्रूज से ही विंध्याचल और प्रयागराज तक सफर कर सकेंगे। नए वर्ष में पर्यटकों के लिए प्रधानमंत्री मोदी हरी झंडी दिखाकर क्रूज आम जनता को सौपेंगे

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वाराणसी।  पर्यटन को उड़ान देने के लिए अब बनारस से प्रयागराज तक गंगा दर्शन के साथ ही सफर भी संभव हो सकेगा। अलकनंदा के बाद गंगा की लहरों पर तीन और क्रूज सवार होने को तैयार हैं। इसके लिए एक क्रूज को वाराणसी से चुनार, दूसरे को वाराणसी से विंध्याचल और तीसरे को वाराणसी से प्रयागराज तक संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो तीनों क्रूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  आगामी जनवरी के प्रस्तावित दौरे में खिड़किया घाट से हरी झंडी भी दिखा सकते हैं।

वाराणसी में सैलानियो  की सुविधा को देखते हुए जल परिवहन विभाग ने एक साथ तीन जलपोतों को गंगा की  लहरों  में उतारने का फैसला किया है। दो मंजिला क्रूज और इंडियन वाटरवेज अथॉरिटी से मिले दोनों रो-रो (रोल आन रोल पैसेंजर शिफ्ट) को धार्मिक पर्यटन के सर्किट के रूप में प्रयोग किया जाएगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बनारस को दो रो-रो दिए हैं।

एक रो-रो का नाम विवेकानंद और दूसरे रो-रो का नाम सैम मानेकशॉ है। इसी तरह उत्तर  प्रदेश सरकार ने दो मंजिला क्रूज वाराणसी के पर्यटन को गति देने के लिए मंगाया है। अब इसमें रो-रो को वाराणसी से प्रयागराज और विंध्याचल तक संचालन कराया जाएगा। जबकि लोक निर्माण विभाग से मिले क्रूज को मार्कंडेय  महादेव(कैथी) से चुनार तक संचालित किया जाएगा।

दो मंजिला क्रूज के अंदर की सजावट  में काशी के धार्मिक और आध्यात्मिक नजारे के साथ ही यहां के धरोहर का इतिहास भी दर्शाया गया है।  साथ ही सैलानियों को जानकारी देने के लिए बड़ी स्क्रीन लगी है। यह क्रूज 12 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से एक मीटर गहरे पानी में भी सुगमता से चल सकता है। इसके साथ ही क्रूज में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए इसमें  चार लाइव राफ्ट हैं, जो आपातकालीन स्थिति में खुद ही नदी में जाकर खुल जाएंगे और एक फ्लोटिंग टेंट के आकार का बोट बन जाएगा।

200 पर्यटकों की क्षमता वाले रो रो को दो अलग-अलग रूटों पर चलाने की योजना है। इसमें एक रो-रो खिड़किया घाट से विंध्याचल और दूसरा खिड़कियां घाट से प्रयागराज तक चलाने की तैयारी है। दोनों ही रो रो में ट्रक कार और बाइक तक लद सकते हैं। इसकी गति अपस्ट्रीम में छह से सात और डाउनस्ट्रीम में 12 से 13 किलोमीटर होगी। हालांकि इसके रूट पर मंथन किया जा रहा है और इसके लिए जेटी निर्माण आदि की बाधा को दूर करने की योजना भी बनाई जा रही है।

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क्रूज और रो रो के संचालन के लिए रूट आदि तय किया जा रहा है। जल परिवहन के जरिए विंध्याचल और प्रयागराज को जोड़ने की योजना है। इसके लिए जनवरी महीने से ही एक क्रूज और दो रो रो गंगा में संचालित कराए जाएंगे। – दीपक अग्रवाल, कमिश्नर

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