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UP – STF ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का किया खुलासा, तीन गिरफ्तार

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वाराणसी : उत्तर – प्रदेश एसटीएफ ने वाराणसी के सिगरा स्थित भारत माता मंदिर के पास से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का खुलासा किया है. इसके तहत 03 अभियुक्तों को रविवार को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों द्वारा भारतीय सेना, रेलवे विभाग, सिचाई विभाग सहित विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.

वाराणसी एवं इसके आस-पास के जनपदों के साथ-साथ हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर, लखनऊ आदि में आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग आदि विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों का एक अन्तर्राज्यीय गिरोह का भण्डाफोड़ किया है. जालसाजों द्वारा
बेरोजगार युवकों से आवेदन पत्र भरवाकर उनका फर्जी मेडिकल कराते हुये फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगने की सूचना पर मिलिट्री इंटेलिजेंस वाराणसी से प्राप्त हुई थी.

सूचना पर निरीक्षक अनिल कुमार सिंह एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी के नेतृत्व में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी. इस दौरान पता चला कि थाना सिगरा में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है. सेना में भी भर्ती के नाम पर ठगी किया जा रहा है. सिगरा प्रभारी निरीक्षक के सहयोग से धरातलीय श्रोतोे को विकसित करते हुये अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी. सूचना मिली की आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग, आदि में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ थाना सिगरा क्षेत्रान्तर्गत काशी विद्यापीठ रोड पर भारत माता मंदिर के पास खड़ा है. उक्त सूचना पर एसटीएफ वाराणसी की टीम निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में तथा निरीक्षक धनन्जय पाण्डेय प्रभारी निरीक्षक थाना सिगरा के साथ मौके पर पहुॅंचकर ठगी करने वाले गिरोह के तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई.

गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ किया गया तो इनका एक संगठित अन्तर्राज्यीय गिरोह है. गिरोह का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन पहले एक प्राइवेट कॉल सेन्टर पर नौकरी के दौरान प्राइवेट कम्पनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 05-05 हजार रूपये लेता था. इसी दौरान इसका सम्पर्क बिहार और प0बंगाल के अन्य जालसाजो से हो गया. जो नौकरी दिलाने के नाम पर पहले से ही ठगी का काम करते थे. इन लोगों ने मिलकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की योजना बनायी.

ये लोग विभिन्न स्थानों पर अपने स्थानीय एजेण्ट विकसित कर उनके माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर इनका विभिन्न सरकारी विभाग में नौकरी के लिये फार्म भरवाते थे. इसके बाद संबंधित अभ्यर्थी का फर्जी एडमिट कार्ड बनाकर जरिये डाक उनके पते पर भेज देते थे. इसके बाद संबंधित विभाग के परिसर में अभ्यर्थियों को बुलाकर उनको झांसा देते हुये इस गैंग के सदस्य स्वयं साक्षात्कार लेते थे और इसके बाद इनका मेडिकल संबंधित विभाग के अस्पताल में कराते थे. जिससे कि अभ्यर्थियों को यह विश्वास हो जाये कि उनकी नौकरी सही प्रक्रिया के तहत हो रही है. इसके बाद इन अभ्यर्थियों से 05 से 07 लाख रूपये लेकर इनके पते पर फर्जी ज्वाईनिंग लेटर व आईडी बनाकर भेज देते थे. इसके बाद इस गैंग के लोग संबंधित विभाग के कार्यालय के परिसर के पास किराये पर कमरा लेकर वहॉं इन अभ्यर्थियों को 2-3 माह का प्रशिक्षण कराते थे. इसके बाद अभ्यर्थियों के बैंक खाते में इन्हीं के पूर्व में लिये गये पैसे में से 03 माह तक 25-25 हजार रूपया वेतन के नाम पर भेजते थे. इससे इन अभ्यर्थियों को यह आभास होता था कि उनकी वास्तव में नौकरी मिल गयी है. ये अभ्यर्थी अपने परिचित अन्य अभ्यर्थियों को इनसे मिलवा देते थे. इस तरह से जब ठगी से काफी पैसा एकत्रित हो जाता था, तब यह गायब हो जाते थे.

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उल्लेखनीय है कि गैंग सरगना अजीत प्रताप सिंह आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग, आदि में आऊटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों का टेण्डर लेने लगा. अभ्यर्थियों से भारी धन लेकर यहॉ पर रखवा देता था और यह भरोसा दिलाता था कि दो साल काम करने के बाद से यहॉं पर नियमित रूप से नौकरी लग जायेगी। जब काफी संख्या में अभ्यर्थी आने लगे तो ये लोग हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर आदि जगहों पर अपनी आफिस खोलकर फर्जी तरीके से नौकरी लगवाने लगे। इस तरीके से इस गैंग ने करोड़ो रूपये कमाये. इनके पास से एक डायरी भी बरामद हुई है, इसमें जिन अभ्यर्थियों के साथ ठगी की गयी है, उनका नाम पता/विवरण अंकित है. इसमें अंकित नाम/पता का सत्यापन किया जा रहा है. उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को जनपद वाराणसी के थाना सिगरा पर पंजीकृत मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है.

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