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पूर्वांचल

महानवमी: कोलकाता में ऐसा महल बनाकर की जा रही दुर्गा पूजा,

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कोलकाता: आश्विन नवरात्रि का अंतिम दिन है, जिसे महानवमी के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन हवन-पूजन के अलावा कन्‍या-पूजन भी किया जा रहा है, साथ ही कन्‍याओं को भोजन कराकर उन्हें तोहफे भी दिए जा रहे हैं। इस मौके पर बंगाल के मंदिरों-तीर्थस्थलों पर खासा भीड़ नजर आ रही है। वहीं, मां सिद्धिदात्री की पूजा हो रही है। राजधानी कोलकाता के साल्ट लेक एफडी ब्लॉक में दुर्गा पूजा पंडाल भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दरअसल, यहां पंडाल को अंग्रेजों के एक पुराने महल की थीम पर डिजाइन किया गया है।

नवरात्रि में पूजा-अनुष्ठान के लिए तैयार किया गया यह आयोजन-स्थल श्रद्धालुओं को बहुत पसंद आ रहा है।पंडाल देखने आए एक दर्शक साहिल गुप्ता ने कहा, “यह महल जैसा स्थल है, जिसके अंदर दुर्गे मां की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां आकर श्रद्धालु खूब आनंद उठा रहे हैं। हम कोविड-गाइडलाइन का पालन भी कर रहे हैं। चूंकि, यह हमारा मुख्य त्योहार है…तो इस बार इसे खूब सेलिब्रेट कर रहे हैं।”

वहीं, एक युवती ने कहा कि, इस बार कोविड का खौफ नहीं है। जगह-जगह देवी मां के आयोजन हैं..यह देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है।”

एक शास्त्री भगवानसिंह ठाकुर ने बताया कि, आज मां सिद्धिदात्री पूजी जा रही हैं। भक्तों को सुबह जल्‍दी उठने-नहाने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए। फिर मां सिद्धिदात्री के लिए प्रसाद तैयार करना चाहिए। उनके भोग में नवरस युक्त भोजन..या कि 9 प्रकार के फूल-फल चढ़ाने चाहिए। उनके लिए धूप-दीप जलाने चाहिए और आरती करनी चाहिए।

शास्त्री ने कहा, ”नवमी के अंतिम दिन देवी मां के बीज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। पूजा संपन्न होने के बाद अपने यहां 2 से 10 साल की कन्‍याओं को आमंत्रित कर पूजन करना चाहिए। उन्‍हें हलवा-पूरी का भोजन कराना चाहिए और भेंट देकर विदा करना चाहिए।

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