वाराणसी
CM योगी आदित्यनाथ ने “काशी-तमिल संगमम” एवं “देव-दीपावली” के तैयारियों की समीक्षा कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
“काशी-तमिल संगमम” की सभी तैयारियां उच्चस्तरीय होनी चाहिए-मुख्यमंत्री
देव-दीपावली पर्व को पूरे हर्षोल्लास एवं भव्यता के साथ मनाया जाए-योगी आदित्यनाथ
गंगा घाटों एवं आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के चाक-चौबंद एवं मुकम्मल इंतेजाम सुनिश्चित किए जाए-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
देव दीपावली के दौरान ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मियों की काउंसलिंग किया जाए, उनका जनसामान्य के प्रति व्यवहार अच्छा हो-सीएम
स्थानीय स्तर पर रह रहे तमिल के लोगों से संवाद स्थापित कर कार्यक्रम से जोड़ा जाय, स्थानीय पुलिस के साथ तमिल वॉलिंटियर को भी रखा जाए
देव दीपावली पर्व पर भीड़ को नियंत्रित करने के साथ सुरक्षा के मुकम्मल एवं चाक-चौबंद इंतजाम सुनिश्चित कराया जाय-मुख्यमंत्री
देव दीपावली पर्व पर यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखे, ताकि जनसामान्य को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये-योगी आदित्यनाथ
मणिकर्णिका घाट पर स्वच्छता की समुचित व्यवस्था के साथ ही शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कराये-मुख्यमंत्री
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर रविवार को वाराणसी पहुंचे और सर्किट हाउस सभागार में आला अधिकारियों के साथ बैठक कर 17 नवम्बर से 16 दिसंबर तक जनपद में आयोजित होने वाले “काशी-तमिल संगमम” तथा 7 नवंबर सोमवार को होने वाले देव-दीपावली के तैयारियों की समीक्षा किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि एक माह तक चलने वाले “काशी-तमिल संगमम” की सभी तैयारियां उच्चस्तरीय होनी चाहिए। इसके साथ ही सोमवार को होने वाले देव दीपावली पर्व को पूरे हर्षोल्लास एवं भव्यता के साथ मनाया जाए। गंगा घाटों एवं आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के चाक- चौबंद एवं मुकम्मल इंतेजाम सुनिश्चित किए जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वाराणसी में एक माह तक आयोजित होने वाले “काशी-तमिल संगमम” केंद्र के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा समन्वय की पूरी जिम्मेदारी हैं। मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय स्तर पर रह रहे तमिल लोगों से संवाद स्थापित किए जाने के क्रम में कमिश्नर कौशल्य शर्मा ने बताया कि वाराणसी में तमिलनाडु के रह रहे लगभग 1000 से अधिक परिवार के लोगों से संवाद स्थापित हो गया है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर पर रह रहे तमिल के लोगों से संवाद स्थापित कर कार्यक्रम से जोड़े जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ तमिल वॉलिंटियर को रखा जाए। जिससे बाहर से आने वाले तमिल समुदाय के लोगों से सहज समन्वय स्थापित हो सके। स्थानीय स्तर पर तमिल समुदाय के ऐसे लोग जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किए हो, ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए। ताकि तमिलनाडु से आने वाले लोगों के साथ वे अपने अनुभव को साझा कर सकें। इस कार्य में काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्वानों को भी रखा जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तमिल भाषा का उद्गम भगवान शिव से ही हुआ है, इसलिए काशी से अच्छा इस कार्यक्रम के लिए कोई दूसरा स्थान नहीं हो सकता। कार्यक्रम के दौरान आने वाले डेलिगेशन सदस्यों का स्वागत पहले दिन डमरू दल द्वारा तो दूसरे दिन वैदिक मंत्र उच्चारण से किया जाए। “काशी-तमिल संगमम” कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को वर्चुअल जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में “काशी- तमिल संगमम” के दौरान तमिलनाडु से आने वाले डेलिगेशन सदस्यों की समुचित एवं पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि डेलिगेशन में आए सदस्य प्रयागराज एवं अयोध्या भी जाएंगे, इसलिए वहां के जिला प्रशासन के साथ समन्वय बैठक कर लिया जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव एवं डीजीपी के स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इस बैठक में रेलवे के भी अधिकारियों को सम्मिलित किया जाए। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूरे शहर की समुचित स्वच्छता एवं साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। कार्यक्रम स्थल पर नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी जाए। इसके साथ ही द्धिभाषी लोगों की भी व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित होने वाले देव दीपावली पर्व की समीक्षा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ सुरक्षा के मुकम्मल एवं चाक-चौबंद इंतजाम सुनिश्चित कराए जाने हेतु पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने देव दीपावली पर्व पर यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने तथा जनसामान्य को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने देने पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने छुट्टा एवं घुमंतू पशुओं को नियंत्रित किये जाने का निर्देश दिया। मणिकर्णिका घाट पर स्वच्छता की कमी होने पर मुख्यमंत्री ने समुचित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के साथ ही शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने नशे की हालत में नौका संचालन न किए जाने की हिदायत देते हुए एनडीआरएफ एवं जल पुलिस के लोगों को पूरी तरह एक्टिव रहने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष जोर देते हुए कहा कि देव दीपावली के दौरान ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मियों की काउंसलिंग किया जाए, उनका जनसामान्य के प्रति व्यवहार अच्छा हो। भीड़ पर किसी भी दशा में लाठीचार्ज नहीं होनी चाहिए। कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था अवश्य होने पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहां पर पूरे दुनिया की निगाह लगी रहती है। कार्यक्रम को पूरे उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ नए तरीके से मनाया जाए।बताया गया कि इस महोत्सव पर वाराणसी में आये बड़ी संख्या में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए पूरी निष्ठा के साथ एनडीआरएफ के जवान वाराणसी के सभी मुख्य घाटों पर मुस्तैद रहेंगे। एनडीआरएफ की 5 टीमें को इस बार काशी के प्रमुख घाटों जैसे नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, पंचगंगा घाट, केदार घाट, राजघाट पर गंगा तट तैनात किया जाएगा। इसके अलावा एनडीआरएफ की मेडिकल टीम “वाटर एम्बुलेंस” के साथ विभिन्न घाटों पर उपस्थित रहेगी और श्रद्धालुओं के निःशुल्क उपचार देगी।एनडीआरएफ की 5 टीमें जिसमें 26 नावों और लगभग 100 से अधिक बचावकर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात रहेंगी। इन प्रत्येक टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य आधुनिक बचाव उपकरणों के साथ देव दीपावली के कार्यक्रम के दौरान घाटों पर मुस्तैद रहेंगे। देव दीपावली के इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग घाटों पर उपस्थित होते हैं और अत्यधिक भीड़ के चलते दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है। ऐसी किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एनडीआरएफ के प्रशिक्षित बचावकर्मी उपस्थित रहेंगे। “काशी- तमिल संगमम” एवं “देव-दीपावली” का प्रेजेंटेशन कमिश्नर कौशल राज शर्मा एवं सुरक्षा व्यवस्था का प्रेजेंटेशन पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने किया।
बताते चलें कि विश्व की सांस्कृतिक राजधानी धर्म नगरी काशी में 17 नवम्बर से 16 दिसंबर तक एक महीने “काशी-तमिल संगमम” का भव्य आयोजन किया जा रहा है। एक महीने तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में तमिलनाडु से 12 समूहों में कुल 2500 लोगों को काशी आमंत्रित किया जा रहा है। जो काशी की संस्कृति और इसके महत्व को समझेंगे।
एक महीने तक चलने वाले “काशी-तमिल संगमम” कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की इन दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों/विद्वानों के बीच अकादमिक आदान- प्रदान-सेमिनार, चर्चा आदि आयोजित किए जाएंगे जहां दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को आगे लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका व्यापक उद्देश्य ज्ञान और संस्कृति की इन दो परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत की एक समझ निर्मित करना और इन क्षेत्रों लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को मजबूत करना है। संगमम में तमिलनाडु से आए समूह काशी की ऐतिहासिक महत्ता को समझेंगे। इस दौरान तमिलनाडु की विभिन्न सांस्कृतिक टोली काशी में अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। इसके अलावा तमिलनाडु के छोटे व्यवसायी काशी में अपना स्टाल लेकर आएंगे और अपने व्यापारिक गतिविधियों को आगे ले जाएंगे। ”एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की समग्र रूपरेखा और भावना के तहत आयोजित होने वाला ये संगमम प्राचीन भारत और समकालीन पीढ़ी के बीच एक सेतु का निर्माण करेगा। काशी संगमम ज्ञान, संस्कृति और विरासत के इन दो प्राचीन केंद्रों के बीच की कड़ी को फिर से जोड़ेगा। काशी-तमिल संगमम ज्ञान के विभिन्न पहलुओं-साहित्य, प्राचीन ग्रंथों, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक नवाचार, व्यापारिक आदान-प्रदान, एजुटेक एवं अगली पीढ़ी की अन्य प्रौद्योगिकी आदि जैसे विषयों पर केंद्रित होगा। इन विषयों पर विचार-गोष्ठी, चर्चा, व्याख्यान, कार्यशाला आदि आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन छात्रों, विद्वानों, शिक्षाविदों, पेशेवरों आदि के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा एवं प्रशिक्षण से संबंधित कार्यप्रणालियों, कला एवं संस्कृति, भाषा, साहित्य आदि से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखने का एक अनूठा अनुभव होगा।
एक महीने के इस “काशी-तमिल संगमम” में करीब 500 कलाकार एक्सहिबिशन, प्रदर्शन व कार्यक्रम करेंगे। तमिलनाडु से संबंधित प्रदर्शनी, फ़ूड कोर्ट रविदास पार्क में एक महीने चलेगी तथा इसके घाट पर पूरे एक महीने सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान अलग अलग दिन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण और तमिलनाडु के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। सभी ग्रुप के वाराणसी के दिन भी निश्चित हो गए है जिनमे छात्र 19 से 20 नवंबर, हस्तशिल्पी 22 और 23 नवंबर, साहित्य 23 व 24 नवंबर, अध्यात्म 26 से 27 नवंबर, व्यवसायी 30 नवंबर से 1 दिसंबर, शिक्षक 2 दिसम्बर, हेरिटेज 4 व 5 दिसम्बर, नवउद्यमी 7 व 8 दिसम्बर, प्रोफेशनल 8 व 9 दिसंबर, टेम्पल 10 व 11 दिसम्बर, ग्रामीण-कृषक 13 व 14 दिसम्बर, संस्कृति 15 व 16 दिसम्बर है।
वही देव दीपावली महादेव के शीश पर विराजमान अर्धचंद्र की भांति काशी के अर्धचंद्राकार संपूर्ण 84 गंगा घाटों एवं गंगा उस पार रेती पर मनाई जाती है। देव दीपावली का धार्मिक महत्व इस विश्वास में निहित है कि इस दिन देवी और देवता गंगा नदी में पवित्र स्नान करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। पवित्र नदी का पूरा घाट देवताओं और देवी गंगा नदी के सम्मान में लाखों छोटे मिट्टी के दीपक (दीया) से सुसज्जित किया जाता है। मिट्टी के दीपक जलाने की इस रस्म की शुरुआत वर्ष 1985 में पंचगंगा घाट पर की गई थी। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन, भगवान शिव त्रिपुरासुर नामक राक्षस पर विजयी हुए थे और इसलिए इस त्योहार को त्रिपुरा उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
धार्मिक महत्व के अलावा, यह दिन देशभक्ति के महत्व से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन, भारतीय बलों में सभी बहादुर सैनिक, जो भारत के लिए लड़ते हुए शहीद हो गये थे, उनको याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। वाराणसी में शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। यह आयोजन भव्य पैमाने पर गंगा घाट पर आयोजित किया जाता है। देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा समारोह को समाप्त किया जाता है।
बैठक में उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष किरन मौर्या, महापौर मृदुला जायसवाल, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक टी०राम, विधायक सुनील पटेल सहित कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी एस राजलिंगम सहित अन्य विभागों के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।