वाराणसी
BHU की नेक पहलः विश्व स्तरीय शोध व विशेष शिक्षा के लिए विदेश जाने पर मिलेगी आर्थिक मदद
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने अब शिक्षा और शिक्षार्थी के हित में एक नई योजना शुरु की है। इसके तहत वैश्विक शोध या अन्य शैक्षणिक गतिविधि के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों को विश्वविद्यालय आर्थिक मदद करेगा।
बीेेएचयू के कुलपति प्रो सुधीर जैन ने बताया कि इन्हें मिलेगी आर्थिक मदद
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एक नई योजना आरम्भ की है, जिसके तहत शैक्षणिक व शोध उद्देश्यों के लिए विदेश जाने वाले स्थायी शिक्षकों, पोस्टडॉक्टोरल फेलो तथा शोधार्थियों की यात्रा का आंशिक ख़र्च विश्वविद्यालय वहन करेगा। इस योजना के तहत यदि विश्वविद्यालय के स्थायी शिक्षक, पोस्टडॉक्टोरल फेलो तथा शोधार्थी किसी अकादमिक अथवा शोध कार्यशाला, सम्मेलन, संगोष्ठी तथा बैठक के लिए विदेश जाते हैं तो उस यात्रा का आंशिक ख़र्च बीएचयू द्वारा प्रदान किया जाएगा।
इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मिली मंज़ूरी
इस योजना को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई विश्वविद्यालय – इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मंज़ूरी दी गई। योजना के तहत स्थायी शिक्षकों को सार्क एवं आसियान देशों की यात्रा के लिए एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक तथा अन्य देशों की यात्रा के लिए एक वित्तीय वर्ष में 1,00,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पोस्टडॉक्टोरल अध्येताओं तथा पीएचडी शोधार्थियों को उनकी शोध अवधि के दौरान सार्क एवं आसियान देशों की यात्रा के लिए 25,000 रुपये तथा अन्य देशों की यात्रा के लिए 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय के स्थायी अधिकारी भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे। यह योजना प्रायोजित शोध औद्योगिक परामर्श प्रकोष्ठ (Sponsored Research Industrial Consultancy Cell – SRICC) के माध्यम से संचालित की जाएगी।
छात्रों और शिक्षकों के हित में हमेशा आगे
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए अधिक व बेहतर अवसर उत्पन्न करने की आवश्यकता पर निरन्तर बल दिया है। उन्होंने प्रतिबद्धता जताई है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के शैक्षणिक व शोध विकास में सहयोग के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन हरसंभव क़दम उठाएगा।