Connect with us

अपराध

ANYDESK एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाला गैगेस्टर गिरफ्तार, भारी मात्रा में चेक, डेबिट क्रेडिट कार्ड बरामद

Published

on

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी: आवेदक विनोद यादव S/O भूरीलाल यादव, ग्राम कुशहा, पोस्ट- घनश्यामपुर थाना बदलापुर, जिला जौनपुर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस धाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि वादी को मो0न0 9832196446 से फोन कर अपने को ई.टी. मनी(एस.आई.पी.) के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर मोबाइल अप्लीकेशन डाउनलोड कराकर उसका मोबाइल हैक कर खाते व क्रेडिट कार्ड से करीब 520516 रुपये की धोखाधड़ी किया गया है, जिसकी जांच उ.नि. नीलम सिंह व हे का, रविकान्त जायसवाल द्वारा की गयी और जाचीपरान्त पर मु0अ0सं0- 0017/2022 धारा 420 भादवि व 66सी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।

उपरोक्त प्रकरण में विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस उप महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी अखिलेख कुमार चौरसिया, क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम गौरव कुमार शर्मा द्वारा साक्ष्य संकलन अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था जिसके अनुपालन में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस सी. डी. आर. एनालिसिस व अन्य साइबर तकनीक का प्रयोग करते हुए संकलित साक्ष्यों के आधार संलिप्तता प्रमाणित होने पर अभियुक्त उपरोक्त भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड रेलवे डीजल संस्थान वाराणसी सिटी गेट के सामने, वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्तगण का चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।

पूछने पर बता रहा है कि मैं स्नातक किया हूं और अपराध की दुनिया में वर्ष 2001 में ही आ गया था, वर्ष 2001 में गंभीर मारपीट, गाली गलौज में जेल गया था, उसके बाद में सन् 2016 में अपने भांजे को मर्डर कर लिया था जिसमें मेरे विरुद्ध वर्ष 2016 में थाना- कृष्णानगर लखनऊ से गैगेस्टर एक्ट में कार्यवाही किया गया था, तब से मे लगातार जरायम की दुनिया में रहकर अपराध के पैसे से प्रतापगढ़, लखनऊ, नोएडा, देवगढ़ आदि स्थानों पर रहकर अपराध कर रहा हूँ, वर्ष 2019 में धाना बिसरख गौतमबुद्ध नगर से धोखाधड़ी में जेल जाने के बाद गैगेस्टर एक्ट की कार्यवाही की गया था, इसके बाद वर्ष 2020 में जनपद अयोध्या से चोरी व धोखाधड़ी में जेल गया था। इसके बाद वर्ष 2021 में धाना देवघर टाउन से मैं धोखाधड़ी के केस में देवघर जेल गया था यही पर मेरी मुलाकात अफजल अंसारी व सागीर अंसारी नाम के दो साइबर अपराधियों से मेरी मुलाकात हुई और फिर मैं जेल से बाहर आने के बाद मै साइबर अपराध में पूरी तरह से लिए हो गया मैने साइबर अपराध सीखने के लिए व साइबर फ्रॉड कैसे किया जा रहा है इसके लिए देवघर धनबाद, पश्चिम बंगाल, खुटी झारखण्ड आदि के साइबर अपराधियों से मिला तथा इस मुकदमे में साइबर फ्रॉड कॉलिंग करने के लिए अवैध तरीके से सिम प्राप्त करके अपने साथी अफजल को धनबाद में दिया था जिसका प्रयोग अफजल ने अपने साथी सागौर के माध्यम से देवघर से कॉलिंग करके साइबर अपराध किया। अफजल द्वारा मुझे सिम दिया जाता है और में विभिन्न लोगों बहला फुसलाकर पैसा आने के नाम पर विभिन्न बैंकों में खोता खुलवाता था और उन खातों में अपने सिम या अफजल सागीर से प्राप्त सिम का नंबर को बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर के रूप में डाल देता था और उसी नंबर से खातों में इंटरनेट बैंकिंग चालू करके ट्राजेक्शन करता था। जिस व्यक्ति के नाम से खाता खुलवाता था उसे 5,000/- रूपये से 10,000/- रूपये तक देता था और अफजल व सागीर किसी भी पीड़ित को फोन कर धोखे से उसके खाते का एक्सेस लेकर मेरे द्वारा खोले गये खाता में पैसा डलवाते थे जिसको मेरे द्वारा अथवा अफजल व सागीर द्वारा निकाला जाता था और आपस में बांट लिया जाता था | साहब मेरे पास से बरामद 950/- रूपये इसी मुकदमे के फ्राड किये हुए धन का बचा हुआ रूपया है तथा मेरे पास से बरामद मोबाइल व उसमे लगा सिम का प्रयोग मैने स्वयं इस अपराध में किया है। तथा मेरे पास से बरामद चेकबुक कोटक बैंक खाता HDFC बैंक खाता में भी इस अपराध से सम्बन्धित कुछ पैसे आये है। इस मुकदमे का 80% रूपया मैने स्वयं लिया तथा बहुत सारा रूपया इस मुकदमे का मैंने अपनी निकट महिला मित्र के ऐशो-आराम पर खर्च किया तथा कुछ पैसे खाने-पीने ऐशो-आराम में खर्च हो गये। मैं वाराणसी कचहरी में अपने विरूद्ध मुकदमा की जानकारी के लिए आया था और पुनः गोरखपुर जाने वाला था कि आप लोगों ने मुझे पकड़ लिया।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page