पूर्वांचल
परिवार नियोजन के साधन सुरक्षित और कारगर : डॉ. जयशंकर प्रसाद सिंह
स्थाई और अस्थाई साधनों की दी गई जानकारी
मऊ। जिला महिला अस्पताल के सभागार में प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों के उपयोग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जयशंकर प्रसाद सिंह ने की, जबकि पीएसआई इंडिया का इसमें विशेष सहयोग रहा।
परिवार नियोजन के साधन पूरी तरह सुरक्षित
सीएमएस डॉ. जयशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन के दोनों साधन, स्थाई और अस्थाई, पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए यह दोनों विकल्प समान रूप से कारगर हैं। जो महिलाएं स्थाई साधन अपनाना चाहती हैं, लेकिन ऑपरेशन के लिए शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं, वे अस्थाई साधन अपनाकर भी प्रभावी परिणाम प्राप्त कर सकती हैं।
स्थाई और अस्थाई साधनों की जानकारी
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मंजू सिंह ने परिवार नियोजन के दोनों प्रकार के साधनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्थाई साधनों में महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी की सुविधा जिला महिला अस्पताल में उपलब्ध है। वहीं, अस्थाई साधनों में छाया, अंतरा, कॉपर-टी और कंडोम शामिल हैं, जो नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर भी उपलब्ध हैं। इच्छुक और योग्य लाभार्थी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए जरूरी है परिवार नियोजन
पीएसआई इंडिया के केवल सिंह सिसोदिया ने कहा कि छोटे और सीमित परिवार से ही बच्चों को बेहतर परवरिश और शिक्षा दी जा सकती है। उन्होंने परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी बढ़ती है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों की भागीदारी
इस कार्यशाला में शारदा नारायण और फातिमा हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने भी अपने विचार साझा किए। जिला महिला अस्पताल से डॉ. मिथलेश कुमार, प्रियंका तिवारी, ज्योति किरन, नर्सिंग अधिकारी, स्टाफ नर्स और ओटी टेक्नीशियन ने भाग लिया। पीएसआई इंडिया की प्रियंका सिंह ने भी कार्यशाला में सक्रिय भूमिका निभाई।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और समाज के हर वर्ग तक इन योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों को भी कार्यशाला में रेखांकित किया गया।