अपराध
वाराणसी : फूलपुर में हुई रिकवरी एजेंट की हत्या का खुला राज, सगे भाई दो अभियुक्त गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त वाहन और रिवाल्वर बरामद
फूलपुर थाना क्षेत्र के बाबतपुर स्थित फ्लाईओवर पर दो दिनों पहले महिंद्रा फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट वीर बहादुर सिंह की गोली मारकर हुई सनसनीखेज हत्या का पुलिस ने 48 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने सगे भाई दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 32 बोर की रिवाल्वर, एक खोखा और 7.65 mm के चार जिंदा कारतूस और घटना में प्रयुक्त वाहन बरामद कर लिया है। वीर बहादुर सिंह चोलापुर थाना क्षेत्र के पलहीपट्टी गांव के निवासी थें और बाबतपुर सगुनहा ओवर ब्रिज पर उनकी गोली मारकर 7 जनवरी को हत्या कर दी गई थी । उसके भाई की तहरीर पर पुलिस ने धारा 302 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया था। UP70 LT4083 नम्बर की स्विफ्ट कार में सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने अज्ञात के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
इस संबंध में पुलिस उपायुक्त गोमती जोन प्रबल प्रताप सिंह एवं अपर पुलिस उपायुक्त गोमती जोन टी सर्वनन द्वारा पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया गया कि, विवेचना के अंतर्गत जो नाम सामने आए उसमें भरत सिंह और रामसूरत सिंह नामक दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों सगे भाई बताए गए हैं, जो प्रयागराज जिले के हंडिया थाना अंतर्गत कसयावर बमेला गांव के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार UP70 LT4083 भी बरामद कर ली गई है। पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि कार का बकाया किस्त वसूली करने के लिए वीर बहादुर सिंह अपने तीन अन्य साथियों के साथ आया था और उसने मेरी गाड़ी को रोक लिया इसी दौरान अभियुक्त द्वारा उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

गिरफ्तारी करने वाली टीम में फूलपुर थाना प्रभारी संजय कुमार मिश्रा, उप निरीक्षक विनोद कुमार त्रिपाठी, संदीप कुमार सिंह, संग्राम सिंह, जितेंद्र यादव, हेड कांस्टेबल रंजीत यादव, विपिन सिंह, दिवाकर गुप्ता और कांस्टेबल पंकज चौरसिया, अमित पुष्कर, रूपचंद सरोज आदि शामिल रहे। इस गिरफ्तारी में क्राइम ब्रांच के एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा, हेड कांस्टेबल चंद्रभान यादव, रमाशंकर यादव, पवन तिवारी, धर्मेंद्र यादव और सर्विलांस टीम के हेड कांस्टेबल संतोष पासवान और कांस्टेबल मनीष सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई। ज्ञातव्य है कि इस घटना के पर्दाफाश हेतु पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन के निर्देश पर कई टीम में गठित की गई थी।
