वाराणसी
प्रो. अन्नपूर्णा शुक्ला नहीं रहीं
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। 94 वर्ष की उम्र में आज शनिवार को दिन में 3.25 बजे, आपने अपने वाराणसी स्थित निवास पर अंतिम सांस ली. बनारस के हरिश्चंद्रघाट पर आपके पार्थिव शरीर को आपके पुत्र श्री कृष्णकांत शुक्ला ने मुखाग्नि दी. 2019 के लोकसभा चुनाव में आप नरेंद्र मोदी जी की प्रस्तावक थीं.
पटना के मेडिकल कालेज से एम.बी.बी.एस. करने वाली डा. अन्नपूर्णा शुक्ला को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की दत्तक पुत्री भी कहा जाता है. आप बी.एच.यू. महिला महाविद्यालय की प्रथम प्राचार्या थीं. आपने ही बी.एच.यू. महिला महाविद्यालय में गृह विज्ञान विभाग की शुरुआत कराई और इसकी प्रथम प्रमुख बनीं.
आपने 1969 में इंग्लैंड में जाकर जो शोध किया, उसके बाद 1972 में आपने जो निष्कर्ष दिये, उसी के आधार पर इंग्लैंड की सरकार ने यह नियम बनाया कि बेबी फूड बनाने वाली सभी कंपनियों को अपने उत्पाद पर यह लिखना पड़ेगा कि “मां का दूध ही नवजात शिशुओं के लिए सर्वोत्तम है”.
बी.एच.यू. से सेवानिवृत्ति के पश्चात भी आप लगातार सक्रिय रही और वाराणसी में लहुराबीर इलाके में स्थित वनिता पॉलिटेक्निक को अपनी सक्रिय सेवायें दीं और इसके माध्यम से हजारों लड़कियों को रोजगारपरक शिक्षा दिलवा कर, अपमे पैरों पर खड़ा होने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
आपके अंदर हमने स्नेहिल माँ की छवि को देखा और हमारी संस्था ‘सत्या फाउंडेशन’ के सामाजिक कार्यों और विशेष रुप से जानलेवा डी.जे. के खिलाफ अभियान को आपका बराबर आशीर्वाद और समर्थन मिलता रहा.
वीडियो के अंत में आपके पुत्र कृष्णकांत शुक्ला को सुना जा सकता है.
पंडित श्रीप्रकाश पाण्डेय के आचार्यत्व में वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के समय, संकटमोचन मंदिर वाराणसी के महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रमौली उपाध्याय, प्रोफेसर अनिल पाण्डेय, प्रोफेसर रणशील उपाध्याय, वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी, वाराणसी कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, भाजपा नेता मनोज कुमार शाह, प्रधानमंत्री कार्यालय वाराणसी के प्रभारी शिवशरण पाठक, प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी, आयुर्वेद विभाग बीएचयू के डॉक्टर अजय पाण्डेय, डा. रत्न शंकर मिश्रा, डा ओ.पी.उपाध्याय, डा.रमेश भाटिया, राकेश मिश्रा के साथ ही ‘सत्या फाउंडेशन’ के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय मौजूद थे.
