वाराणसी
फाइलेरिया की जांच के लिए आज से शुरू होगी रात्रि कालीन क्लीनिक
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
हर मंगलवार को सीएचसी-पीएचसी व जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय पर होगी जांच
हर बृहस्पतिवार को रामनगर स्थित फाइलेरिया नियंत्रण इकाई पर भी जांच की सुविधा
सीएमओ ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को किया निर्देशित, ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें
वाराणसी: राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में नवीन प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद की चिकित्सा इकाइयों पर प्रत्येक मंगलवार और बृहस्पतिवार को फाइलेरिया की जांच के लिए रात्रि कालीन क्लीनिक संचालित की जाएगी। मंगलवार से शुरू हो रहे इस क्लीनिक में शाम साढ़े सात बजे से रात साढ़े नौ बजे तक फाइलेरिया की जांच की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के दृष्टिगत तथा लक्ष्य के सापेक्ष अत्यंत कम रक्त पट्टिका बनाए जाने के कारण रात्रि कालीन क्लीनिक संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सीएमओ ने समस्त चिकित्सा अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि केंद्र में एक सीनियर लैब विशेषज्ञ व एक स्वास्थ्यकर्मी को नामित करते हुए रात्रि कालीन क्लीनिक आयोजित करते हुए इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय भेजना सुनिश्चित करें। साथ ही सभी स्वास्थ्य केन्द्र की आशा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता को निर्देशित किया कि फाइलेरिया की जाँच के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर अपने क्षेत्र से सम्भावित रोगियों की जाँच कराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा अतिरिक्त कार्यवाही के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (वेक्टर बोर्न डिजीज) डॉ एसएस कनौजिया, जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय, फाइलेरिया नियंत्रण इकाई रामनगर के प्रभारी डॉ अमित कुमार सिंह व समस्त मलेरिया व फाइलेरिया निरीक्षक को भी निर्देशित किया गया।
प्रभारी डॉ अमित कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में मंगलवार (29 अगस्त) से सभी ब्लॉक स्तरीय सीएचसी व पीएचसी जैसे अराजीलाइन, बड़ागांव, चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, मिसिरपुर, पिंडरा, व सेवापुरी तथा दुर्गाकुंड स्थित जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में फाइलेरिया जांच के लिए रात्रि कालीन क्लीनिक की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा हर बृहस्पतिवार को रामनगर स्थित फाइलेरिया नियंत्रण इकाई, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय परिसर में जांच की जाएगी। सभी केन्द्रों पर जांच का समय शाम साढ़े सात बजे से रात साढ़े नौ बजे तक निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि वाराणसी जनपद में वर्ष 2018 से 2021 तक आईडीए- एमडीए अभियान चलाया गया, जिसमें लक्षित आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। इसके साथ ही वर्ष 2022 में ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे किया गया, जिसमें माइक्रो फाइलेरिया का रेट एक प्रतिशत से भी कम देखा गया। इसके परिणामस्वरूप वाराणसी फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
डॉ अमित ने बताया कि फाइलेरिया के मच्छर क्यूलेक्स के काटने से बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग व स्त्री के स्तन और उसके आसपास दर्द व सूजन की समस्या होती है। पैरों और हाथ में सूजन, अंडकोष (हाइड्रोसील) में सूजन भी फाइलेरिया के ही लक्षण हैं। हालांकि फाइलेरिया के लक्षण संक्रमण होने के पांच से 15 साल में दिखाई देते हैं। इसलिए जिन भी व्यक्तियों में संभावित लक्षण दिखाई दें, वह तत्काल नजदीकी पीएचसी-सीएचसी पर संचालित रात्रिकालीन क्लीनिक में फाइलेरिया की जांच अवश्य कराएं। फाइलेरिया से संबन्धित किसी भी प्रकार की समस्या के लिए उनके नंबर 9415287360 पर कार्यदिवस के दौरान संपर्क किया जा सकता है।
