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वाराणसी

संचारी रोगों की रोकथाम व कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग बेहद सक्रिय

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मंडलीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य) ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिये दिशा-निर्देश

हॉट-स्पॉट वाले क्षेत्रों में हो जल निकासी, कचरा निस्तारण, स्रोत विनष्टीकरण आदि कार्य

मच्छर व जल जनित रोगों से बचाव के जागरूकता के लिए स्टीकर, पोस्टर आदि चस्पा किए जाएं

वाराणसी: मच्छर व जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक स्तर पर कार्रवाई कर रहा है। इसी के मद्देनजर संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को लेकर विभागीय अधिकारियों की ओर से भौतिक निरीक्षण कर जमीनी हकीकत को देखते हुये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जा रहे हैं। साथ ही समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को उचित व प्रभावी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा रहा है।
बुधवार को वाराणसी मंडलीय अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ मंजुला सिंह ने मण्डल के सभी जिलों यथा वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर और जौनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक कर संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि अभियान की प्रतिदिन मॉनिटरिंग व साप्ताहिक बैठक की जाए। ई-कवच पोर्टल पर समस्त अभियान की रिपोर्टिंग की जाए। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सभी विभाग मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में झाड़ियों की कटाई, नालियों की सफाई, गंदे पानी व जल जमाव की स्थिति पैदा हो रही है, इसको पंचायती राज विभाग के सहयोग से दूर किया जाए। जनमानस के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था की जाए। परिवार के सभी सदस्य शौचालय का ही प्रयोग करे। शौच के लिए बाहर न जाएं। नगर विकास विभाग के सहयोग से शहरी क्षेत्रों की जाम नालियों की सफाई, फोगिंग और एंटी लार्वीसाइड छिड़काव का कार्य पूरा किया जाए। डॉ मंजुला ने कहा कि यह अभियान प्रदेश के मुख्यमंत्री का महत्वाकांछी कार्यक्रम है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने रविवार को वाराणसी में समीक्षा बैठक कर संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान के बारे में जानकारी ली थी। साथ ही मंडलीय अपर निदेशक व जनपद स्तरीय अधिकारियों को भौतिक निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया था। इसलिए संचारी रोगों से बचाव के लिए प्रभावी रोकथाम बहुत जरूरी है।
संयुक्त निदेशक व संचारी रोगों के मंडलीय नोडल अधिकारी डॉ जीसी द्विवेदी ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट (उच्च जोखिम) क्षेत्रों में सघन पर्यवेक्षण करते हुये एंटी लार्वीसाइड छिड़काव व फोगिंग के साथ-साथ साफ-सफाई का कार्य कराया जाए। गठित वेक्टर सर्विलान्स टीम मच्छर जनित स्रोतों की सतत निगरानी करे। किसी क्षेत्र में पॉज़िटिव रोगी मिलने पर रेपिड रिस्पोंस टीम वहाँ जाकर समुचित उपचार करे। गंभीर स्थिति होने पर सीएचसी पीएचसी रेफर करे। स्वास्थ्य कार्यकर्ता उस क्षेत्र में निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे।
वहीं मंगलवार को मंडलीय अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने शहरी क्षेत्र शिवपुर के तरना और भगतपुर एवं ग्रामीण क्षेत्र हरहुआ के भेल्खा, गनेशपुर और वाजिदपुर का भ्रमण कर जल जमाव, कचरा एकत्रीकरण, साफ-सफाई, जल निकासी आदि व्यवस्थाओं को देखा। क्षेत्रीय नागरिकों की ओर से बताया गया कि पिछले वर्ष इन्हीं क्षेत्रों में डेंगू के रोगी पाये गए थे। इसके लिए मंडलीय अपर निदेशक ने पंचायती राज विभाग और नगर विकास विभाग को निर्देशित किया कि उक्त क्षेत्रों में जल निकासी, कचरा निस्तारण, नालियों की सफाई, स्रोत विनष्टीकरण आदि के लिए उचित कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि मच्छर व जल जनित रोगों से बचाव के जागरूकता के लिए स्टीकर, पोस्टर आदि चस्पा किए जाएं। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधान और शहरी क्षेत्रों में पार्षदों का सहयोग लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय, बायोलोजिस्ट व ज़ोनल एंटोमोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह एवं संबन्धित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता व मलेरिया निरीक्षण मौजूद रहे।

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