वाराणसी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास विभाग में मिसाइल मैन अब्दुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया
वाराणसी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रोफ़ेसर योगेंद्र सिंह ने अब्दुल कलाम आजाद के कार्यों और उनके जीवनी पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि जीवन में चाहे जैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं अब्दुल कलाम आजाद ने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक एवं विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और इसरो के कार्यभार को संभाला भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में शामिल रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी विद्यापीठ इतिहास विभाग के पूर्व छात्र अखिलेश सिंह प्रदेश महामंत्री व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश रहे, उन्होंने बताया कि 1947में भारत द्वारा परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक संगठनात्मक और राजनीति की भूमिका निभाई मिसाइल मैन के रूप में पहचान मिलने के बावजूद उनकी विनम्रता ने लोगों का दिल जीता वे प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार एवं पोखरण परमाणु परीक्षण की सफलता में बड़ा योगदान दिया उन्हें पद्म श्री पद्म विभूषण एवं भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया।
इतिहास विभाग की वरिष्ठ अध्यापिका डॉक्टर जया कुमारी आर्यन ने बताया कि अब्दुल कलाम आजाद 2002 में राष्ट्रपति चुने गए 5 साल की अवधि की सेवा के बाद वे शिक्षा लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आएं वे आदर्श शिक्षक थे जो मानते थे कि शिक्षक समाज के निर्माता हैं और छात्र भविष्य हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अंजना वर्मा डॉ मनोज सिंह डॉ अलका पांडे डॉ अर्चना गोस्वामी एवं डॉक्टर सुधीर सिंह प्रिया श्रीवास्तव एवं डॉ अंजू सिंह एवं समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।