Connect with us

मिर्ज़ापुर

मंडलीय चिकित्सालय में घटती मरीजों की संख्या, निजी अस्पतालों को भेजे जा रहे मरीज

Published

on

मिर्जापुर। एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं और साफ निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी मरीज को इलाज के बिना लौटाया न जाए।

वहीं दूसरी ओर मंडलीय चिकित्सालय में हालात इसके उलट नजर आ रहे हैं।जबसे इस चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज से जोड़ा गया, तबसे माना गया था कि अब यहां सुविधाएं और बेहतर होंगी। लेकिन इसके विपरीत, पिछले दो वर्षों में मरीजों की संख्या में करीब 12 हजार की गिरावट दर्ज की गई है।

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो यह साफ संकेत है कि मरीजों को जानबूझकर निजी अस्पतालों की ओर मोड़ा जा रहा है।महिला चिकित्सालय से मरीजों को मेडिकल कॉलेज के पास स्थित निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।

डॉक्टरों और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह सिलसिला लगातार जारी है। महिला चिकित्सालय की एक वरिष्ठ डॉक्टर और तीन एम्बुलेंस चालकों की मिलीभगत से नगर के दो निजी अस्पतालों में नियमित रूप से मरीज भेजे जा रहे हैं।

इन निजी अस्पतालों की ऊपरी पकड़ इतनी मजबूत है कि अब तक इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी है।स्थिति यह है कि ड्यूटी पर मौजूद सरकारी डॉक्टर खुद मरीजों को भ्रमित कर निजी अस्पतालों की तरफ भेजते हैं।

Advertisement

खासकर मेडिकल कॉलेज के पास और रामबाग क्षेत्र के निजी चिकित्सालयों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें एम्बुलेंस चालक, कुछ चिकित्सक और कर्मचारी भी प्रत्यक्ष रूप से लाभ कमा रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यदि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो कई डॉक्टर और कर्मचारी इसमें संलिप्त पाए जाएंगे। एम्बुलेंस चालक खुलेआम डॉक्टरों को पैसे देकर मरीजों को निजी अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं, जिससे मंडलीय चिकित्सालय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने की आशंका है।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page