गाजीपुर
सत्यनारायण व्रत कथा से रामजी सिंह ने गाँव की संस्कृति को दिया नया संबल

गाजीपुर। श्रावण मास के पवित्र अवसर पर ग्राम सभा बिजहरी, ब्लाक सादात में उद्योग विभाग से सेवानिवृत्त रामजी सिंह ने अपने कुटुंब-परिजनों और ग्रामवासियों के साथ श्रद्धा और उल्लासपूर्वक सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन किया। इस पावन अनुष्ठान में उन्होंने अपने परिवार के साथ-साथ गांव के हर वर्ग के लोगों को आमंत्रित कर सामाजिक समरसता का परिचय दिया।
इस अवसर पर रामजी सिंह ने अपने शैक्षिक गुरु रामधनी विश्वकर्मा और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र प्रताप सिंह को भी आमंत्रित कर सम्मानित किया। साथ ही सर्वोदय इंटर कॉलेज, हुरमुजपुर से जुड़ी अपनी यादों को साझा करते हुए कार्यक्रम को भावनात्मक और प्रेरणादायी स्वरूप प्रदान किया।
सत्यनारायण कथा के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा दी गई और गांव के लोगों तथा कुटुंब-परिवार के साथ श्रद्धाभाव से भोज कराया गया। यह आयोजन श्री सिंह के पारंपरिक मूल्यों और ग्रामीण संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। कथा के पश्चात भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें गांव के सभी परिजन, रिश्तेदार और शुभचिंतक सम्मिलित हुए। उनकी पत्नी और भाई भोले ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जयदेश समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र मिश्र से बातचीत में रामजी सिंह ने कहा कि गांव की संस्कृति, सद्भाव और परंपराएं ही हमारी असली पहचान हैं। सावन मास में पूर्वजों के समय की कथाओं, कजरी, भजन और घर-घर की पुजाइयों की परंपरा लुप्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि अगरबत्ती, कपूर और घी की सुगंध से वातावरण में पवित्रता आती है, जो मानस को शांति देती है और एकता का संदेश भी।
श्री सिंह ने अपील की कि गांव की खोती जा रही सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने के लिए सभी का सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उनका यह आयोजन ग्रामवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गया और सभी ने इसे प्रेरणादायी पहल बताया।