गाजीपुर
झोलाछाप पशु चिकित्सकों की मौज, पशुपालकों से लूट जारी

भांवरकोल (गाजीपुर)। जिले के विभिन्न गांवों में झोलाछाप पशु चिकित्सकों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। ये बिना किसी पंजीकरण और अनुमति के पशुपालकों, किसानों और मजदूरों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इलाज के बाद मिलने वाली राशि से ये लोग शान से रह रहे हैं और इन्हें किसी भी प्रकार का भय नहीं है। मामले की जानकारी मिलते ही जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यू०पी०एल०डी० द्वारा चयनित कुछ पशु मित्र और पैरावैट भी इलाज का कार्य कर रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार इन्हें सिर्फ सीमन और टीकाकरण का ही अधिकार प्राप्त है। लेकिन ये लोग कम कीमत वाली दवाओं और टीकों को महंगे दामों में बेचकर पशुपालकों से मोटी रकम वसूल रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकरण के बिना कोई भी व्यक्ति पशुओं का इलाज नहीं कर सकता। यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के इलाज करता पाया गया तो उसके खिलाफ विधिक एवं कठोर कार्रवाई की जाएगी।
भांवरकोल के पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में पशु मित्र अपने मनमर्जी से काम कर रहे हैं और विभाग को कोई सहयोग नहीं कर रहे। उनका कहना है कि इनका कार्य पशु चिकित्सालय की निगरानी में होना चाहिए। लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण स्थिति और गंभीर होती जा रही है। उदाहरण के तौर पर करीमुद्दीनपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी को भांवरकोल पशु चिकित्सालय का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
वहीं, दो दशक पहले कुंडेश्वर में भी एक पशु चिकित्सालय था जो अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है। ऐसी स्थिति में पशुपालक मजबूरीवश झोलाछाप और प्राइवेट पशु चिकित्सकों का सहारा लेने को विवश हैं, जिससे उनका आर्थिक शोषण हो रहा है।