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“अब बातचीत सिर्फ POK और आतंक पर होगी” : रक्षा मंत्री

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रक्षा मंत्री ने मैरून बेरेटधारी स्पेशल फोर्स के जवानों को किया सलाम

श्रीनगर। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने बादामी बाग छावनी में वीर जवानों से मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया। विशेष रूप से जिन जवानों से रक्षा मंत्री मिले, वे मैरून रंग की टोपी पहने हुए थे, जो उनकी विशिष्ट पहचान का प्रतीक है।

इन टोपीधारी गबरू जवानों की तस्वीरें सामने आते ही यह सवाल उठने लगा कि ये वीर कौन हैं? दरअसल, महरून या मैरून बेरेट आमतौर पर पैराशूट रेजीमेंट या पैरा स्पेशल फोर्सेज से जुड़े जवान पहनते हैं। यह टोपी न केवल उनकी विशेषज्ञता दर्शाती है, बल्कि अनुशासन, उच्च स्तर की फिटनेस और अदम्य साहस की भी प्रतीक होती है।

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द्वितीय विश्व युद्ध से शुरू हुई परंपरा
मैरून बेरेट की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने की थी। मेजर-जनरल फ्रेडरिक बॉय ब्राउनिंग ने इसे ब्रिटिश 1st एयरबोर्न डिवीजन के लिए अपनाया। कालांतर में यह प्रतीक अमेरिका, फ्रांस और रूस की स्पेशल फोर्सेज तक पहुंचा और आज भारत की पैरा यूनिट्स भी इसे गर्व से पहनती हैं।

‘बातचीत अब आतंक और POK पर ही होगी’
रक्षा मंत्री ने जवानों से कहा, “पाकिस्तान के साथ बातचीत अब सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पर ही होगी। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को बता दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सीमा तक जा सकता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय धरती पर किसी भी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।

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सेना को देश का सन्देश
राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं यहां रक्षा मंत्री ही नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों का संदेश लेकर एक ‘डाकिया’ बनकर आया हूं — हमें अपनी सेना पर गर्व है।” उन्होंने भरोसा जताया कि भारत जल्द ही क्षेत्र से आतंकवाद का पूर्ण सफाया करेगा।

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