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वाराणसी

908 बच्चों का फरिश्ता बनी RPF

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रिपोर्ट – अब्दुल वाहिद

भदोही। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल सुरक्षा बल-आरपीएफ ने पिछले आठ वर्षों में आपरेशन “नन्हें फरिश्ते अभियान” अंतर्गत 908 बच्चों को बचाकर रिकार्ड बनाया। यह मिशन और अभियान भारतीय रेल जोन एवं मंडलों में पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है।

जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि वाराणसी मंडल के विभिन्न स्टेशनों से वर्ष 2017-2018 में 232, 2019-2020 में 200, 2021-22 में 229 तथा 2023-2024 के 29 जूलाई तक 232 तथा 15 बच्चों को तस्करों से बचाया गया। इनमें घर से भागे हुए, लापता, बाल मजदूरी, बिछड़े हुए, निराश्रित, अपहृत, मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं बेघर बच्चे शामिल हैं। “नन्हे फरिश्ते” सिर्फ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक है यह उन सैकडों बच्चों के लिए एक जीवन रेखा के समान है जो खुद को अनिश्चित परिस्थितियों में पाते हैं।

2017 से 2024 तक का डेटा, अटूट समर्पण, अनुकूलन शीलता और संघर्ष क्षमता की कहानी दर्शाता है। प्रत्येक बचाव समाज के सबसे असुरक्षित सदस्यों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। 2018 में ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते की महत्वपूर्ण शुरुआत हुई। इस वर्ष वाराणसी मंडल रेलवे सुरक्षा बल जवानों ने कुल 153 पीड़ित बच्चों को बचाया था, जिनमें 134 लड़के और 19 लड़कियां शामिल थे। इस तरह की पहल तत्काल जरूरत को उजागर करते हुए ऑपरेशन के लिए एक मजबूत नींव रखी गई। 2019 के दौरान रेलवे सुरक्षा बल के प्रयास लगातार सफल रहे।

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जुलाई 2024 तक वाराणसी मंडल के रेलवे सुरक्षा बल की टीम 908 बच्चों को बचाने में सफल हो सकी। 29 जूलाई 2024 तक बचाये गये128 बच्चों में 95 लड़के तथा 37 लड़कियाँ है। शुरुआती रुझान ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण देते हैं। यह संख्या बाल मजदूरी एवं अन्य कारणों से बच्चों के भागने की लगातार जारी समस्या व उन्हें अपने माता-पिता के पास सुरक्षित पहुंचने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के प्रयासों दर्शाता हैं।

ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बच्चों की पूरी जानकारी उपलब्ध रहती है। मंडल के बनारस, छपरा, सीवान, बलिया, देवरिया सदर, मऊ एवं गाजीपुर सिटी स्टेशनों के अलावा विभिन्न रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड हेल्प डेस्क उपलब्ध है। रेलवे सुरक्षा बल मुक्त कराये गये बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति अथवा चाईल्ड लाइन को सौंप देती है जो बच्चों को उनके माता-पिता, अभिवावक को सुपुर्द करने की जिम्मेदारी पूर्ण करते हैं।

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