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गाजीपुर

हरिहरपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती की शहादत को किया गया नमन

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युवाओं से ली गई प्रेरणा लेने की अपील

मरदह (गाजीपुर)। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तत्वावधान में हरिहरपुर जुझारपुर पंचायत भवन पर वीरांगना रानी दुर्गावती का 461वां बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जंगीपुर विधानसभा संयोजक मनोज सिंह और विशिष्ट अतिथि शिवशंकर यादव रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत रानी दुर्गावती के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित कर की गई। मुख्य वक्ता मनोज सिंह ने रानी दुर्गावती के साहस, शौर्य और प्रशासनिक कुशलता की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को बांदा जिले के चंदेल वंशीय राजा कृति सिंह के घर हुआ था। विवाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह के पुत्र दलपत शाह से हुआ, लेकिन विवाह के चार वर्ष बाद ही पति का निधन हो गया। उस समय रानी का पुत्र नारायण मात्र तीन वर्ष का था, जिसके चलते रानी ने स्वयं शासन की बागडोर संभाली।

मनोज सिंह ने बताया कि रानी दुर्गावती ने 16 वर्षों तक जबलपुर केंद्र से शासन किया और 24 जून 1564 को मुगलों के साथ युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं। उन्होंने युवाओं और विशेषकर बालिकाओं से रानी के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की।

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पत्रकारों से बातचीत में मनोज सिंह ने कहा कि रानी दुर्गावती के वंशज माने जाने वाले गौड़ और खरवार समाज के जातीय प्रमाण पत्र संबंधी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की गई है। कुछ कुंठित मानसिकता वाले कर्मचारी इस प्रक्रिया में अड़चनें डाल रहे हैं, जिनके विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे।

इस अवसर पर कार्यक्रम में धनंजय प्रजापति प्रधान, रोहित यादव ग्राम प्रधान, अभिषेक चौहान, रमाकांत विश्वकर्मा, किशन सिंह, ऋषिकेश कुशवाहा, प्रांशु सिंह, राजेश गोंड, टुनटुन, अरविंद गौड़, सत्यम, राजेश खरवार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक गौड़ और संचालन उपेंद्र सिंह योगाचार्य ने किया।

कार्यक्रम के समापन पर संयोजक अशोक गौड़ ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार जताया।

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