वाराणसी
स्वर्वेद महामंदिर : 25 हजार कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ आज से
देश–विदेश से पहुंच रहे श्रद्धालु
वाराणसी। चौबेपुर के उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम इन दिनों आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर है। दो दिवसीय 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, असम और विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम में जुट चुके हैं। पूरा परिसर ‘अ’ प्रतीक वाली ध्वजाओं और “स्वर्वेद महामंदिर धाम की जय!” के जयघोष से गूंज रहा है।
साधकों ने सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज द्वारा रचित स्वर्वेद महाग्रंथ का सामूहिक, संगीतमय पाठ किया। प्रवचन देते हुए संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि “स्वर्वेद का पठन संस्कारों को शुद्ध करता है, चेतना को ऊर्ध्व दिशा में ले जाता है—यह महाग्रंथ जीवन को सत्यपथ पर ले जाने वाली दिव्य ज्योति है।”
भीड़ की विशालता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस विभाग ने विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। सुरक्षा अधिकारी स्थल का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और भीड़ प्रबंधन पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं।
25 और 26 नवंबर दोनों दिनों की शाम 7 बजे संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज का दिव्य प्रवचन श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति का अनुभव कराएगा। 26 नवंबर को सुबह 10 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा।
इसी दिन शाम को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में धाम में एक लाख दीपों का भव्य प्रज्ज्वलन होगा, जो गौसेवा, गुरुकुल संरक्षण और राष्ट्रसेवा के उज्ज्वल संकल्प का प्रतीक बनेगा।
स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट समाज-उत्थान, मानव सेवा और सांस्कृतिक चेतना के अपने ध्येय को निरंतर आगे बढ़ा रहा है। यह महायज्ञ केवल अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि अंतःकरण की पवित्रता, विश्वशांति और मानवता के एकसूत्रीकरण का विराट आध्यात्मिक उत्सव है।
