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वाराणसी

स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में न हो नशे की दुकान : डॉ. देवेन्द्र शर्मा

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नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसी कुप्रथाओं को खत्म किया जाये: अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग

वाराणसी। अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग डॉ. देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी मंडल की समीक्षा बैठक आयोजित हुई जिसमें उन्होंने सभी से बच्चों के मुद्दे पर सम्वेदनशील होने की अपेक्षा की। उन्होंने समाज में फैली कुप्रथाओं नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर लगातार कार्य करने की जरूरत बताया।

स्कूल के 100 मीटर के दायरे में न हो नशे की दुकान  –

आयोग के अध्यक्ष डा. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि, पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि की कोई दुकानें नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में सख्ती से कार्यवाही की जाय। उन्होंने नशे से मुक्त रखने के लिए तत्काल प्रहरी क्लब की स्थापना कर पूर्व में इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करना सुनिश्चित किया जाये।    

डॉ. शर्मा ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से जागरूक किया जाए। पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार सार्थक प्रयास कर बाल विवाह को हर हालत में समाज से खत्म किया जाय। उन्होंने जिला, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराये जाने के निर्देश दिये।    

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डॉ. शर्मा ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से जागरूक किया जाए। पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार सार्थक प्रयास कर बाल विवाह को हर हालत में समाज से खत्म किया जाय। 2025 तक बाल विवाह को खत्म करना है।     

बच्चों को साइबर क्राइम तथा मोबाइल की लत से दूर रखने के लिए कार्यशाला आयोजित करने को निर्देशित किया। उन्होंने इस बार दीपावली पर पोस्टर के माध्यम से हमारा संकल्प होगा कि “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” देश को नशामुक्त बनाना है। उन्होंने मन्दिर-मठों के पास तिलक लगाने वाले बच्चों को चेक करते हुए उनको शिक्षा की तरफ मोड़ने तथा उनके बारे में भी व्यक्तिगत जानकारियां हासिल की जाये।     

उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को शराब विक्रय न की जाये। बाल तस्करी पर हर हाल में रोक लगाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को एच-1 मॉडल की दवाइयां किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी तथा सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी भी लगवाया जाये।   

बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अशोक यादव, मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी चंदौली, जौनपुर, समाज कल्याण, श्रम, शिक्षा, जिला बाल संरक्षण इकाई, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, आबकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा बाल संरक्षण से जुडे कार्यों की समीक्षा की गई।

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