वाराणसी
सूक्ष्मजीव इनोकुलेन्ट स्वस्थ फसलों के लिए बेहद उपयोगी
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में निदेशक डॉ तुषार कांति बेहेरा की निदेर्शन में क्रियान्वित हो रही फार्मर्स फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत बंगालीपुर गांव के प्रगतिशील किसानों को संस्थान द्वारा मटर की उन्नत किस्म काशी उदय के बीज का वितरण किया गया। किसानों को संस्थान द्वारा विकसित किये जा रहे सूक्ष्मजीव इनोकुलेन्ट बीसी 6 जो मूलतः बैसिलस जीवाणुओं का कॉन्सोर्टिया है, के द्वारा बीज शोधन का सजीव प्रदर्शन प्रधान वैज्ञानिक डॉ डी पी सिंह के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि माइक्रोबियल यानी सूक्ष्मजीव इनोकुलेन्ट के व्यापक उपयोग से किसान अपने खेतों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश एवं सूक्ष्मतत्वों जैसे जिंक आदि का जैविक एवं प्राकृतिक रूप से प्रबंधन कर सकते हैं और इनके माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ ही केमिकल रसायनों पर निर्भरता भी कम की जा सकती है और लागत को नियंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर फसल उन्नयन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नागेंद्र राय द्वारा किसानों को मटर की फसल के बीज शोधन हेतु पाउडर एवं तरल बीसी 6 कॉन्सोर्टिया भी वितरित किया गया। उपस्थित प्रधान वैज्ञानिक डॉ नीरज सिंह ने परियोजना के अंतर्गत किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुभदीप रॉय के अनुसार वैज्ञानिक लाभार्थियों के खेतों पर ही सब्जी फसलों पर किये जाने वाले सूक्ष्मजीव के प्रायोगिक अध्ययन का डाटा प्राप्त करके उसके प्रभावों का आकलन करेंगे। साथ ही खेतों पर ही अन्य किसानों को एकत्र करके सूक्ष्मजीव उत्पादों के असर का प्रदर्शन किया जाएगा जिससे बड़ी संख्या में किसान प्रेरित होंगे।