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वाराणसी

संचारी रोगों की रोकथाम के लिए ‘दस्तक अभियान’ आज से स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावी नियंत्रण के लिए तैयार की रणनीति घर-घर जाकर संक्रामक रोगों के मरीजों का होगा चिन्हीकरण बीमारियों से बचाव वसाफ-सफाई के प्रति किया जाएगा जागरूक

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वाराणसी।संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए जिले में “दस्तक अभियान” आज (सात सितंबर) से शुरू हो गया है जो अगले 15 दिनों तक चलेगा | अभियान के तहत फ्रंट लाइन वर्कर घर-घर जाकर संक्रामक रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, टीबी आदि से पीड़ित मरीजों को चिन्हित करने के साथ ही लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव एवं साफ-सफाई के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे |
यह बातें गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में हुई बैठक के दौरान सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहीं। उन्होने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण के लिये एक अक्टूबर से चल रहे अभियान के तहत शहर एवं गांव में फैली गंदगी, कूड़े के ढेर को साफ करने के साथ ही हैंडपंप के आसपास जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जा रही है | मच्छर जनित बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए विशेष अभियान चलाकर गांवों की नाली का कूड़ा हटाकर साफ-सफाई के अलावा आसपास चूना, ब्लीचिंग पाउडर, स्प्रे का छिड़काव और फोगिंग का कार्य किया जा रहा है | स्वास्थ्य कार्यकर्ता की ओर से जनमानस के बीच ‘क्या करें और क्या न करें’ के साथ ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए । एसीएमओ व अभियान के नोडल अधिकारी डॉ एसएस कन्नौजिया ने कहा कि अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए नगर विकास/नगर निगम, पंचायती राज, पशुपालन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा, कृषि एवं सिंचाई विभाग से समन्वय स्थापित कर लगातार सहयोग लिया जा रहा है ।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि दस्तक अभियान के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके अंतर्गत ग्रामीण व शहर की समस्त 2557 आशा कार्यकर्ता जनपद के करीब 7.46 लाख घरों का भ्रमण करेंगी । इस दौरान वह मरीजों का चिन्हीकरण करेंगी और उनमें जागरूकता बढ़ाने, संचारी रोगों से बचाव तथा उपचार के विषय के बारे में बताएंगी । चिन्हित मरीजों की जानकारी ब्लॉक पीएचसी/सीएचसी पर देंगी जिससे उनका इलाज शुरू हो सके । इसके साथ ही फीवर और वेक्टर सर्विलान्स के लिए 15 बेसिक हेल्थ वर्कर तैनात किए गए हैं। सुपरविजन कार्य के लिए 11 मलेरिया निरीक्षक लगाए गए है और 16 सुपरवाइजर हैं। डूडा द्वारा 15 कर्मी दैनिक छिड़काव के लिए लगाए गए हैं। शहरी क्षेत्र में रैंडम लार्वा जांच के लिए 7 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। आवश्यक उपकरणों व स्रोत विनष्टीकरण सामग्री पर्याप्त मात्रा पहुंचाई जा चुकी है। हर पीएचसी व सीएचसी पर एक-एक आशा को 10-10 मलेरिया/डेंगू रेपिड टेस्ट किट प्रदान की गई है। हर पीएचसी व सीएचसी पर रेपिड रिस्पोंस व वेक्टर सर्विलान्स टीम और फीवर हेल्प डेस्क गठित की जा चुकी है।
उन्होने बताया कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के हॉट स्पॉट वाले इलाकों में पंचायती राज और शहर में नगर निगम की ओर प्रतिदिन फोगिंग का कार्य किया जा रहा है। हॉट स्पॉट वाले इलाकों में कोई भी मरीज मिलता है तो उसके 300 मीटर के दायरे में फोगिंग और स्रोत विनष्टीकरण का कार्य किया जा रहा है।
बैठक में एसीएमओ डॉ एके मौर्य, डॉ राजेश प्रसाद, डॉ सुनील गुप्ता, डॉ अमित सिंह, डॉ आरबी यादव, डॉ नवीन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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