गाजीपुर
“श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार का किया नाश, बृजवासियों को कराया बैकुंठ दर्शन” : पं. बृजेश

गाजीपुर। भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के कणजी गांव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन आचार्य अरुण पाण्डेय के आचार्यत्व में हो रहा है। कथा के छठवें दिन काशी से आए कथा वाचक आचार्य पं. बृजेश कुमार पाण्डेय ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन सुनाया।
आचार्य बृजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को चूर-चूर कर दिया। जब बृजवासी इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे, तो क्रोधित होकर इंद्र ने बृज को डुबाने के लिए मूसलधार बारिश का आदेश दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को सुरक्षित रखा।
भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों को बैकुंठ का दर्शन कराया, लेकिन बृजवासियों को बैकुंठ से अधिक प्रिय अपना बृजधाम और श्रीकृष्ण का सानिध्य लगा। वे बोले—जहां हमारे कन्हैया हैं, वहीं हमारा बैकुंठ है।
कथा में बताया गया कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर पापियों का अंत किया। उन्होंने जरासंध को सत्रह बार युद्ध में पराजित किया, लेकिन अठारहवीं बार रण छोड़कर समुद्र के बीच द्वारिका नगरी बसाई और द्वारकाधीश बने।
छठवें दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण और महाराज भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी के विवाह का दिव्य प्रसंग भी सुनाया गया। कथा के आयोजन में विनोद सिंह, हरिकेश सिंह सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।